लखनऊ/चंदौली/मैनपुरीः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भीषण गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश की जनता झुलस रही है. पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. गर्मी बढ़ने के साथ बिजली संकट गहराता जा रहा है. खुद भाजपा के विधायकों और राज्यमंत्री तक ने इस सम्बंध में ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के एमडी को पत्र लिखे हैं.
भाजपा की डबल इंजन सरकार सत्ता की खुमारी में है. बिजली उत्पादन के क्षेत्र में पिछले पांच साल भाजपा ने कुछ नहीं किया. कई बिजली उत्पादन इकाइयां ठप हैं. बिजली की मांग और उपलब्धता में भारी अंतर के चलते गांव, कस्बों और तहसील मुख्यालयों में अंधाधुंध कटौती हो रही है. राजधानी लखनऊ में भी बिजली के झटके महसूस होने लगे हैं. रोस्टर केवल कहने-सुनने के लिए है. बुनकर उद्योग बंद हो रहा है. अखिलेश ने कहा कि मौसम वैज्ञानिक पहले ही भीषण गर्मी होने की चेतावनी दे चुके थे। मई में 48 डिग्री गर्मी झुलसा सकती है। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने पहले कोई राहत के कदम क्यों नहीं उठाए? भाजपा की दोनों सरकारें होने के बावजूद बिजली व्यवस्था चौपट है. केन्द्र सरकार न तो पर्याप्त कोयला की आपूर्ति कर रही है और न ही अपने 10 हजार मेगावाट कोटे की बिजली उत्तर प्रदेश को दे रही है.
उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने विधानसभा चुनाव में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया था. जनता को बरगलाने के लिए चुनाव में भाजपा ने भी झूठे वादे कर लिए लेकिन चुनाव खत्म होते ही भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया.
आप ने उठाए योगी सरकार पर सवाल
आम आदमी पार्टी ने बिजली कटौती को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी के निर्वतमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि यूपी की योगी सरकार 24 घंटे बिजली देने में भी फेल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि गांव में बिजली नहीं मिलने से किसान खेती में नुकसान उठा रहा है. वहीं, शहरों में स्कूली बच्चे और महिलाएं परेशान हैं. कार्यालयों में बिजली सप्लाई निर्बाध न होने से काम पर असर पड़ रहा है. जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. सभाजीत सिंह ने कहा कि जनता से वोट मांगते समय 24 घंटे यूपी में निर्बाध बिजली देने की घोषणा करने वाली योगी सरकार बिजली सप्लाई की व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है. यही कारण है कि गांवों में घंटों बिजली कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा देश भर के 16 राज्यों में यही हाल है. जबकि दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार ऐसी भीषण गर्मी में भी दिल्ली की जनता को निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई कर रही है. उसका दिल्ली मॉडल बिजली के मामले में भी नजीर बना है.
चंदौली में बिजली संकट से आजिज ग्रामीणों का धरना
जिले में बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर धरना दिया. इस दौरान अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. चेताया कि जब तक बिजली आपूर्ति सुचारु नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. पुरवा गांव के एडवोकेट जन्मेजय सिंह ने कहा कि अफसरों के बंगले जगमग है, ग्रामीण बिजली कटौती से परेशान हैं. गांवों को सिर्फ 6 घंटे ही आपूर्ति हो रही है. कांग्रेस नेता मधु राय ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है. सूबे के ऊर्जा मंत्री का दावा धरातल पर नहीं दिखाई देता है.
मैनपुरी में भी किसानों का प्रदर्शन
बिजली संकट के विरोध में जिले में भारतीय किसान यूनियन किसान के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग और पुलिस विभाग की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली. पुतले का अंतिम संस्कार करने के बाद आठ सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा. कहा कि कई बार ज्ञापन देने के बावजूद मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई. भाकियू के जिला अध्यक्ष अनु दुबे ने बताया कि योगी सरकार ने वादा किया था कि किसानों को बिजली मुफ्त देगे. किसानों ने वोट दिया और सरकार भी बन गयी लेकिन विभाग बिजली के बकाया को लेकर किसानों के कनेक्शन काट रहा है. किसानों द्वारा बेची गई फसलों का मूल्य भी उनको नहीं मिल रहा है. एक दो महीने में उसका भुगतान मिल रहा है जब पैसा मिलेगा तभी तो किसान बिल चुका पाएगा. पैसा जल्दी दिला दो, बिल भी जमा कर देंगे. इसके अलावा किसानों से पुलिस की अभद्रता का मामला भी उठाया गया. एसडीएम किशनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया. कहा गया कि इस पर भी सुनवाई नहीं हुई तो आगे का निर्णय शीर्ष नेतृव के निर्देश के आधार पर लिया जाएगा.
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