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अखिलेश यादव बोले, झूठ, छल और फरेब BJP-RSS का एजेंडा, तथ्यों को झुठलाकर वाहवाही कराने में माहिर - Anna animal

अखिलेश यादव ने कहा है कि झूठ, छल और फरेब BJP-RSS का एजेंडा है. तथ्यों को झुठलाकर वाहवाही कराने में भाजपा माहिर है.

अखिलेश यादव
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Published : Jun 1, 2022, 7:44 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि झूठ, छल और फरेब भाजपा-आरएसएस का एजेंडा है. तथ्यों को झुठलाकर अपनी वाहवाही करने में भाजपा नेतृत्व को जरा भी संकोच नहीं होता है. भाजपा मूलतः पूंजीपतियों की पोषक पार्टी है इसलिए गांव-गरीब की समस्याओं पर उसका ध्यान नहीं जाता है. किसान भाजपाराज में कर्ज तथा महंगाई की मार से परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हुआ है. सरकार ने किसानों की मदद करने के बजाय धोखा दिया है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के कृषक विरोधी रवैया का शर्मनाक नमूना अभी लखीमपुर खीरी में देखने को मिला है जहां भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह के वाहन पर दो बाइक सवारों ने गोलियां चलाईं. दिलबाग सिंह 3 अक्टूबर 2021 को हुए तिकोनिया काण्ड के गवाह भी हैं. हमले की इस घटना में वे बाल-बाल बच गए. हमलावर उनकी हत्या करना चाहते थे. क्या यही जीरो टॉलरेंस है भाजपा सरकार का?


उन्होंने कहा कि भाजपा ने पांच साल पहले अपने चुनाव घोषणा-पत्र, जिसे संकल्प-पत्र नाम दिया गया था, में किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया गया था. यह संकल्प 2022 में पूरा हो जाना चाहिए परन्तु आज तक भाजपा सरकार उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है. भाजपा लगातार किसानों से झूठे वादे करके जनता की निगाह में अपनी विश्वसनीयता खो रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि महंगाई के चलते खेती का लागत मूल्य बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल-डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक के दाम बढ़ने से खेती पर बोझ बढ़ा है. किसान की फसल को लागत से ड्योढ़ा लाभप्रद मूल्य मिलना चाहिए पर इस बार तो उसे फसल पर एमएसपी भी नहीं मिल सकी. किसानों की फसल को 5 बड़ी कम्पनियों ने औने-पौने दामों पर खरीद लिया. सरकारी सांठगांठ के चलते राज्य सरकार के क्रय केन्द्र बहुत जगहों पर खुले नहीं, जहां खुले थे वहां कई-कई दिन तक खरीद नहीं हुई.


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गन्ना किसानों की मदद का दावा जोरशोर से करते हैं लेकिन आज भी उनकी सरकार यह नहीं बताती कि अभी सहकारी और निजी चीनी मिलों पर किसानों का कितना धन बकाया है? हजारों करोड़ रूपये के बकाये को छुपाने के लिए भाजपा सरकार आंकड़ों का मकड़जाल बिछा रही है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अन्ना पशु किसानों की फसल को बड़े पैमाने पर बर्बाद करते रहे हैं. भाजपा सरकार उस ओर से अपनी आंखे मूंदे हुए है. आवारा जानवरों के हमलों से सैकड़ों लोग मौत के मुंह में चले गए. गो माता के नाम पर अपनी राजनीति करने वाली भाजपा सरकार गो वंश की रक्षा में अक्षम्य लापरवाही बरत रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार किसानों की सरकार थी. राज्य के बजट का 75 प्रतिशत केवल ग्रामीण विकास, गांव और खेती के विकास के लिए रखा गया था. सपा सरकार में कामधेनु योजना शुरू हुई थी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था. कामधेनु और पोल्टी फार्म पर समाजवादी सरकार इंट्रेस्ट सब्सिडी देती थी. भाजपा सरकार से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है. यही नहीं समाजवादी सरकार में किसानों को मुफ्त सिंचाई और कर्ज माफी के साथ समय से खाद, बीज, कीटनाशक उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की गई थी.


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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि झूठ, छल और फरेब भाजपा-आरएसएस का एजेंडा है. तथ्यों को झुठलाकर अपनी वाहवाही करने में भाजपा नेतृत्व को जरा भी संकोच नहीं होता है. भाजपा मूलतः पूंजीपतियों की पोषक पार्टी है इसलिए गांव-गरीब की समस्याओं पर उसका ध्यान नहीं जाता है. किसान भाजपाराज में कर्ज तथा महंगाई की मार से परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हुआ है. सरकार ने किसानों की मदद करने के बजाय धोखा दिया है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के कृषक विरोधी रवैया का शर्मनाक नमूना अभी लखीमपुर खीरी में देखने को मिला है जहां भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह के वाहन पर दो बाइक सवारों ने गोलियां चलाईं. दिलबाग सिंह 3 अक्टूबर 2021 को हुए तिकोनिया काण्ड के गवाह भी हैं. हमले की इस घटना में वे बाल-बाल बच गए. हमलावर उनकी हत्या करना चाहते थे. क्या यही जीरो टॉलरेंस है भाजपा सरकार का?


उन्होंने कहा कि भाजपा ने पांच साल पहले अपने चुनाव घोषणा-पत्र, जिसे संकल्प-पत्र नाम दिया गया था, में किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया गया था. यह संकल्प 2022 में पूरा हो जाना चाहिए परन्तु आज तक भाजपा सरकार उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है. भाजपा लगातार किसानों से झूठे वादे करके जनता की निगाह में अपनी विश्वसनीयता खो रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि महंगाई के चलते खेती का लागत मूल्य बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल-डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक के दाम बढ़ने से खेती पर बोझ बढ़ा है. किसान की फसल को लागत से ड्योढ़ा लाभप्रद मूल्य मिलना चाहिए पर इस बार तो उसे फसल पर एमएसपी भी नहीं मिल सकी. किसानों की फसल को 5 बड़ी कम्पनियों ने औने-पौने दामों पर खरीद लिया. सरकारी सांठगांठ के चलते राज्य सरकार के क्रय केन्द्र बहुत जगहों पर खुले नहीं, जहां खुले थे वहां कई-कई दिन तक खरीद नहीं हुई.


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गन्ना किसानों की मदद का दावा जोरशोर से करते हैं लेकिन आज भी उनकी सरकार यह नहीं बताती कि अभी सहकारी और निजी चीनी मिलों पर किसानों का कितना धन बकाया है? हजारों करोड़ रूपये के बकाये को छुपाने के लिए भाजपा सरकार आंकड़ों का मकड़जाल बिछा रही है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अन्ना पशु किसानों की फसल को बड़े पैमाने पर बर्बाद करते रहे हैं. भाजपा सरकार उस ओर से अपनी आंखे मूंदे हुए है. आवारा जानवरों के हमलों से सैकड़ों लोग मौत के मुंह में चले गए. गो माता के नाम पर अपनी राजनीति करने वाली भाजपा सरकार गो वंश की रक्षा में अक्षम्य लापरवाही बरत रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार किसानों की सरकार थी. राज्य के बजट का 75 प्रतिशत केवल ग्रामीण विकास, गांव और खेती के विकास के लिए रखा गया था. सपा सरकार में कामधेनु योजना शुरू हुई थी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था. कामधेनु और पोल्टी फार्म पर समाजवादी सरकार इंट्रेस्ट सब्सिडी देती थी. भाजपा सरकार से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है. यही नहीं समाजवादी सरकार में किसानों को मुफ्त सिंचाई और कर्ज माफी के साथ समय से खाद, बीज, कीटनाशक उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की गई थी.


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