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भाजपा सरकार निजीकरण की आड़ में खत्म कर रही रोजगार: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही है.

अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को सौंपा.
अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को सौंपा.
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Published : Oct 6, 2020, 10:40 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण मामले पर प्रदेश सरकार को घेरा है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही है. 15 लाख विद्युतकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. हर हाल में सरकार यह प्रस्ताव वापस ले. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही विद्युत क्षेत्र में गड़बड़ी होनी शुरू हो गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साढ़े तीन वर्षों में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ. विद्युत आपूर्ति गांव में लगभग 10 घंटा और शहरों में 15 घंटे से ज्यादा कभी नहीं मिली. उपभोक्ताओं को लंबे-लंबे अमाउंट के बिल भिजवाकर परेशान किया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में भी बिजली की दिक्कत के साथ पानी की किल्लत भी है.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार शासन चलाने के बजाय देश के साधनों-संसाधनों का बाजार लगा रही है. निजीकरण से वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बेचने में लगी है. इसके दुष्प्रभावों के बारे में भाजपा नहीं सोच रही है. सरकार को शासन चलाने में अपनी असफलता मान लेनी चाहिए. आर्थिक कुनीतियों के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. अब स्थिति उसके नियंत्रण में नहीं रह गई है. इसलिए वह जल्द से जल्द सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौंपकर अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करना चाहती है.

प्रदेश सरकार निजीकरण की दिशा में उठा रही कदम
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार टोल, मंडी, आईटीआई, पाॅलीटेक्नीक, सरकारी माल, हवाई अड्डा, रेल और बीमा कंपनियों के निजीकरण की दिशा में कदम उठा रही हैं. इतना ही नहीं सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत पदों को समाप्त किए जाने का फैसला हो चुका है. सरकारी बैंकों की संख्या 12 से 5 करने की तैयारी है. सरकार बैंकों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी कर रही है. अब बीमा कंपनियों पर भी तिरछी नज़र है, जबकि एयरपोर्ट को पहले ही निजी हाथों में दिया जाना तय हो चुका है. कोरोना संकट में लाॅकडाउन के चलते लाखों श्रमिकों की जिंदगी में अंधेरा छा गया है. विधानसभा के उपचुनाव में ही बीजेपी को जनता करारा सबक सिखा देगी.

निजीकरण के विरोध में मांगा समर्थन
उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को सौंपा. ज्ञापन में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के सरकारी निर्णय की खिलाफत है. इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि निजीकरण कभी उपभोक्ता हित में नहीं रहा. आगरा में टोरंटो कंपनी को काम सौंपा गया तो लगभग 2200 करोड़ पुराना बिजली का बिल उसने दबाकर रख लिए है. उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हम फीडर वाइज 15 प्रतिशत एटीएनसी लाॅस को लाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने अखिलेश यादव से निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने में अपने प्रभाव का प्रयोग करने की अपील की है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण मामले पर प्रदेश सरकार को घेरा है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही है. 15 लाख विद्युतकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. हर हाल में सरकार यह प्रस्ताव वापस ले. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही विद्युत क्षेत्र में गड़बड़ी होनी शुरू हो गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साढ़े तीन वर्षों में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ. विद्युत आपूर्ति गांव में लगभग 10 घंटा और शहरों में 15 घंटे से ज्यादा कभी नहीं मिली. उपभोक्ताओं को लंबे-लंबे अमाउंट के बिल भिजवाकर परेशान किया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में भी बिजली की दिक्कत के साथ पानी की किल्लत भी है.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार शासन चलाने के बजाय देश के साधनों-संसाधनों का बाजार लगा रही है. निजीकरण से वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बेचने में लगी है. इसके दुष्प्रभावों के बारे में भाजपा नहीं सोच रही है. सरकार को शासन चलाने में अपनी असफलता मान लेनी चाहिए. आर्थिक कुनीतियों के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. अब स्थिति उसके नियंत्रण में नहीं रह गई है. इसलिए वह जल्द से जल्द सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौंपकर अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करना चाहती है.

प्रदेश सरकार निजीकरण की दिशा में उठा रही कदम
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार टोल, मंडी, आईटीआई, पाॅलीटेक्नीक, सरकारी माल, हवाई अड्डा, रेल और बीमा कंपनियों के निजीकरण की दिशा में कदम उठा रही हैं. इतना ही नहीं सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत पदों को समाप्त किए जाने का फैसला हो चुका है. सरकारी बैंकों की संख्या 12 से 5 करने की तैयारी है. सरकार बैंकों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी कर रही है. अब बीमा कंपनियों पर भी तिरछी नज़र है, जबकि एयरपोर्ट को पहले ही निजी हाथों में दिया जाना तय हो चुका है. कोरोना संकट में लाॅकडाउन के चलते लाखों श्रमिकों की जिंदगी में अंधेरा छा गया है. विधानसभा के उपचुनाव में ही बीजेपी को जनता करारा सबक सिखा देगी.

निजीकरण के विरोध में मांगा समर्थन
उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को सौंपा. ज्ञापन में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के सरकारी निर्णय की खिलाफत है. इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि निजीकरण कभी उपभोक्ता हित में नहीं रहा. आगरा में टोरंटो कंपनी को काम सौंपा गया तो लगभग 2200 करोड़ पुराना बिजली का बिल उसने दबाकर रख लिए है. उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हम फीडर वाइज 15 प्रतिशत एटीएनसी लाॅस को लाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने अखिलेश यादव से निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने में अपने प्रभाव का प्रयोग करने की अपील की है.

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