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भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना 'पतन-पत्र' पारित कराया है: अखिलेश यादव

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को राज्यसभा में पास हुए कृषि बिल पर आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा ने कृषि बिल नहीं, बल्कि अपना 'पतन -पत्र' पास कराया है.

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Published : Sep 21, 2020, 12:19 AM IST

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यसभा में पारित हुए कृषि बिल का विरोध किया है. अखिलेश यादव ने इस बिल पर अपना विरोध ट्विटर कर के माध्यम से दर्ज कराते हुए कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, बल्कि अपना पतन पत्र पारित कराया है.

  • भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है।

    लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है। pic.twitter.com/wfJjAoyGFW

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्यसभा में रविवार को सरकार की ओर से कृषि बिल पारित होने पर विपक्षी पार्टियों ने इस बिल को किसान विरोधी बताते हुए विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हो गए हैं.

अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से अखिलेश ने रविवार को ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्यसभा में किसानों और विपक्ष की आवाज का गला दबाया है. अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों और धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है. अखिलेश ने बड़ा तंज कसते हुए कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है.

गौरतलब है कि राज्यसभा ने कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, कृषक कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. इसपर अब कई विपक्षी पार्टियां विरोध दर्ज कराकर और इसे किसान विरोधी बताते हुए बिल को वापस लेने की मांग कर रही हैं.

वहीं कृषि मंत्री का कहना है कि इस बिल का पास होना ऐतिहासिक है. इससे किसानों को बड़ा लाभ मिलने वाला है. बिल के लागू होने के बाद बाजार में प्रतियोगिता बढ़ेंगी, जिससे किसानों को उनके उपज का सही दाम मिल सकेगा.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यसभा में पारित हुए कृषि बिल का विरोध किया है. अखिलेश यादव ने इस बिल पर अपना विरोध ट्विटर कर के माध्यम से दर्ज कराते हुए कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, बल्कि अपना पतन पत्र पारित कराया है.

  • भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है।

    लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है। pic.twitter.com/wfJjAoyGFW

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्यसभा में रविवार को सरकार की ओर से कृषि बिल पारित होने पर विपक्षी पार्टियों ने इस बिल को किसान विरोधी बताते हुए विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हो गए हैं.

अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से अखिलेश ने रविवार को ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्यसभा में किसानों और विपक्ष की आवाज का गला दबाया है. अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों और धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है. अखिलेश ने बड़ा तंज कसते हुए कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है.

गौरतलब है कि राज्यसभा ने कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, कृषक कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. इसपर अब कई विपक्षी पार्टियां विरोध दर्ज कराकर और इसे किसान विरोधी बताते हुए बिल को वापस लेने की मांग कर रही हैं.

वहीं कृषि मंत्री का कहना है कि इस बिल का पास होना ऐतिहासिक है. इससे किसानों को बड़ा लाभ मिलने वाला है. बिल के लागू होने के बाद बाजार में प्रतियोगिता बढ़ेंगी, जिससे किसानों को उनके उपज का सही दाम मिल सकेगा.

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