लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि संविधान पर हमले हो रहे हैं. नेताओं पर झूठे मुकदमों और जांच एजेंसियों के छापे के बाद अब शारीरिक हमले तक हो रहे हैं. ये भाजपा की राजनीतिक कुत्सित इरादे का परिणाम है. दूसरों पर सिंडीकेट से संचालित होने का आरोप लगाने वाले लोग वास्तव में ‘संघीकेट‘ से संचालित हैं.
अखिलेश यादव ने भाजपा पर बोला हमला
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नाजी प्रचार का मूल सिद्धांत था कि झूठ को सौ बार दोहराओ कि वह लोगों को सच लगने लगे. इसे भाजपा नेतृत्व और सरकार ने अक्षरशः पालन करने का मन बना लिया है. चार साल के शासन काल में भाजपा सरकार ने प्रदेश में विकास की गति अवरूद्ध करने के अलावा कोई काम नहीं किया है. पिछली सरकार के कामों को कोसना और फिर उन्हीं के कामों को अपना बताकर खुद ही अपनी प्रशंसा करने लगना मुख्यमंत्री का मुख्य करतब रहा है. इसे वे अपनी सफलता भी मानते हैं. भाजपा के लिए सिर्फ येनकेन प्रकारेण चुनाव जीतना मुद्दा रहता है, जनस्वास्थ्य, शिक्षा या रोजगार नहीं. बदायूं में समाजवादी पार्टी के समय बनना शुरू हुए मेडिकल कॉलेज का काम भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में पूरा नहीं हो पाया.
भाजपा को हटाने पड़े नौकरी व कारोबार के ट्वीट
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को पहले नौकरी व कारोबार देने के झूठे ट्वीट हटाने पड़े, अब 5 एक्सप्रेस-वे बनाने के झूठे होर्डिंग्स भी हटवाने पड़ेंगे. वस्तुत: ये संकीणमार्गी स्वयं कोई महामार्ग नहीं बनवा सकते, ये तो बस झूठ के महामार्गी हैं, जिन्हें अब जनता हटाएगी. समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर फर्जी एनकाउंटर और हिरासत में मौतों की जांच की जाएगी. मानवाधिकार आयोग की रिपोर्टों और पीडि़त परिवारों की मांगों पर कार्रवाई होगी.
अहंकार में डूबी है भाजपा सरकार
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह अहंकार में डूबी हुई है. हर स्तर पर उसने लोकतांत्रिक व्यवस्था की मर्यादा तोड़ दी है और प्रदेश को अराजकता की आग में झोंक दिया है. विपक्ष के प्रति बदले की भावना से काम करने वाली भाजपा को जानना चाहिए कि सत्ता पर किसी का स्थायी एकाधिकार नहीं होता है. लोकतंत्र में सरकारें आती हैं, जाती हैं लेकिन जिस तरह की अमयार्दित भाषा और दम्भी व्यवहार भाजपा विपक्ष विशेषकर समाजवादी पार्टी के प्रति दिखाती है जनता उसे सहन नहीं करेगी और वह 2022 में उसे उखाड़ फेंककर ही दम लेगी.