लखनऊः पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर पुलिस और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा है कि पुष्पेन्द्र यादव के फर्जी एनकाउंटर में पुलिस और सरकार का रवैया पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ है. राज्य सरकार इस जघन्य अपराध पर पर्दा डालने की साजिश में जुटी है, जबकि सरकार को उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच करानी चाहिए.
वर्तमान न्यायाधीश से सरकार कराए जांच
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीने पहले ही पुष्पेंद्र यादव का विवाह हुआ था. उसकी पत्नी बेहाल है, उसके भविष्य पर अंधेरा है. पूरा परिवार गहन शोक के साथ दहशत में भी है, उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला है. क्षेत्र की जनता में भी भारी आक्रोश है. आखिर भाजपा सरकार कब तक सच्चाई पर पर्दा डाले रहेगी. उनका कहना है कि पुष्पेन्द्र यादव का पांच अक्टूबर को एनकाउंटर हुआ था. नौ अक्टूबर को उसके परिवार से मिलने और उन्हें ढांढस बंधाने नेशनल हाइवे से 20 किलोमीटर दूर गांव करगुआ खुर्द थाना मोठ एरच गया था.
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सरकार बुंदेलखंड की कर रही उपेक्षा
अखिलेश का कहना है कि भाजपा सरकार बुंदेलखंड की उपेक्षा कर रखी है. बेतवा नदी पर जहां रपटा है, वहां के लिए समाजवादी सरकार ने पुल स्वीकृत किया था. उस पुल को भाजपा सरकार ने ढाई वर्ष में भी बनाने के लिए कोई काम नहीं किया. समाजवादी सरकार में चंद्रावल और लखैरी नदियों में अविरल जल प्रवाह होता रहे, इसके लिए उक्त नदियों को पुनर्जीवित किया गया था. समाजवादी सरकार में सात तालाबों के जीर्णोद्वार की दिशा में काफी काम किया गया था. जलपुरुष राजेन्द्र सिंह भी उक्त विकासकार्यों को देखने गये थे. वह भी काम भाजपा सरकार की उपेक्षा का शिकार हो गया.
राजपरिवार की महारानी ने बताया कि 100 वर्ष के बाद पहली बार इन तालाबों का जीर्णोद्वार समाजवादी सरकार ने किया है. अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार में सौर ऊर्जा के प्लांट लगे थे और जनसामान्य को राहत पहुंचाने वाली कई योजनाएं शुरू की गई थीं. भाजपा ने वादे तो बहुत किए, लेकिन उन्हें जमीन पर उतरते किसी ने नहीं देखा.