लखनऊः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने इस बजट के माध्यम से कई राज्यों में होने वाले आगामी चुनाव के लिए झूठे वादों का पिटारा खोला है. अखिलेश ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को देश-प्रदेश का भाग्य नियंता बनाया है. रेल, रोड, पुल, बीमा बंदरगाह एयरपोर्ट और बैंक तक को बेचने की तैयारी है. 100 सैनिक स्कूल खुलेंगे, उसमें भी एनजीओ का सहयोग लेने की बात की जा रही है.
किसानों से भाजपा का पुराना बैर
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों से भारतीय जनता पार्टी का पुराना बैर है. भाजपा को किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए. क्योंकि देश की जनता की भावनाएं किसानों के साथ हैं. जनता जानती है कि किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. भाजपा जितनी मदद अपने उद्योगपति मित्रों की कर रही है. उतनी किसानों की कभी नहीं की.
नौजवानों और नौकरीपेशा लोग हुए मायूस
अखिलेश यादव ने कहा कि नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पर सरकार चुप है. होटल, परिवहन, सेवा क्षेत्र, हॉस्पिटल सेक्टर कोरोना वायरस से अभी उबर नहीं पाए हैं. सरकार ने उनको कोई राहत नहीं दी. जबकि वह रोजगार का बड़ा सहारा बनते हैं. इसके साथ ही नौकरीपेशा लोग भी बहुत मायूस हैं. कोरोना संकट के समय वेतन भत्तों में कटौती की गई. उनकी हालत सुधारने के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं. कभी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर तो कभी किसानों के मुद्दे पर. सोमवार को बजट पर भी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ नहीं है.