लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर ने जिस संविधान की रचना की थी और लोकतंत्र को प्रतिष्ठा दी थी, आज उस पर खतरा मंडरा रहा है. भाजपा का न तो लोकतंत्र में विश्वास है और नहीं संविधान में आस्था है. भाजपा संविधान और उसमें उल्लिखित संस्थाओं को भी कमजोर करना चाहती है. डॉ आम्बेडकर और डॉ लोहिया मिलकर समाज को नई दिशा देना चाहते थे. उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए अम्बेडकरवादियों और समाजवादियों को मिलकर सत्ता परिवर्तन कर नया भारत बनाना है. उन्होंने कहा कि साल 2022 में जो विधानसभा चुनाव होंगे वे इस दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण और निर्णायक होंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय में बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के 66वें परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे विधि विशेषज्ञ के साथ अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे. दुनिया भर में बाबासाहेब का सम्मान है. उन्होंने अस्पृश्यता को अमानवीय करार देते हुए वंचित दलित समाज का स्वाभिमान जगाने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी तथा शिक्षित बनाने पर बल दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि भाजपा की नीतियां जनविरोधी हैं. भाजपा की इन नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ी है. समाज में नफरत बढ़ी और महंगाई तथा भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है. भाजपा की भाषा खराब है और उसका आचरण षडयंत्रकारी है. आर.एस.एस. की विचारधारा से भारत खतरे में है. भाजपा-आरएसएस दोनों आरक्षण समाप्त करने और मौलिक अधिकारों पर हमला करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में सार्वजनिक सम्पत्तियां बेची जा रही हैं. चंद पूंजीपतियों के हाथों में राष्ट्रीय सम्पत्तियां गिरवी रखी जा रही हैं भाजपा अन्याय की प्रतीक है. किसानों के हितों के काम के बजाय खेती-किसानी को पूंजीघरानों की बंधक बनाने की साजिशें हो रही हैं. अपनी आवाज उठाने पर किसान पर जीप-चढ़ा दी जाती है. किसान के उपयोग में आने वाली खाद-बीज, कीट नाशक, डीजल और बिजली के दाम बढ़े हुए हैं. यादव ने कहा कि किसान भी वैज्ञानिक है. वह मौसम की जानकारी रखता है और जानता है कब फसल को खाद-पानी चाहिए. भाजपा को यह सब पता नहीं इसलिए वह किसान की ओर ध्यान नहीं देता है.
इस अवसर पर सपा नेता रामजी सुमन एवं मिठाई लाल भारती सहित कई वक्ताओं ने कहा कि डॉ भीमराव आम्बेडकर और डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों में काफी समानता है. समाजवादी विचार से ही समानता और सम्पन्नता आएगी. समाजवादी सन 2022 में भाजपा को हटाने को संकल्पित है. बाबा साहेब के मिशन को अखिलेश यादव ही पूरा करेंगे.
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