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कितने शर्म की बात है कि दूसरों का पेट भरने वाला किसान खुद भूखा मरे : अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार से एक किसान की ओर से इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने के बाद केन्द्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया है कि एक तरफ ढाई लोग और उनके मंत्री नाम बदलने में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ एक किसान सरकार से आत्महत्या की आज्ञा लेने पर मजबूर हो गया.

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Published : Mar 19, 2019, 8:04 AM IST

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता अखिलेश तिवारी.

लखनऊ : सपा नेता अखिलेश यादव ने भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसानों की बदहाली को लेकर हमला बोला है. उन्होंने आगरा में एक किसान की ओर से इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने का हवाला देते हुए कहा है कि इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता अखिलेश तिवारी.

आगरा में एक किसान ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिले 2 हजार रुपये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिए हैं. साथ ही एक चिट्ठी भी भेजी है जिसमें मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की गई है.

किसान के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांगी गई इच्छा मृत्यु के मामले का उदाहरण देते हुए अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि एक तरफ ढाई लोग और उनके मंत्री नाम बदलने में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ एक किसान सरकार से आत्महत्या की आज्ञा लेने पर मजबूर हो गया. उन्होंने कहा कि दिनभर खेतों में मेहनत और चौकीदारी करने के बाद भी अन्नदाता किसान अपना पेट नहीं भर पा रहा है. यह कितने शर्म की बात है कि दूसरों का पेट भरने वाला किसान खुद भूखा मरे.

आगरा के बरौली अहीर के निवासी आलू उत्पादक किसान प्रदीप शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा है कि वह पिछले 4 साल से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं. लेकिन अब तक नाकामी ही हाथ लगी है. किसान का दावा है कि वह 35 लाख के कर्ज में डूबा हुआ है. ऐसे में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिले 2 हजार रुपये उसके लिए निरर्थक हैं.

लखनऊ : सपा नेता अखिलेश यादव ने भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसानों की बदहाली को लेकर हमला बोला है. उन्होंने आगरा में एक किसान की ओर से इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने का हवाला देते हुए कहा है कि इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता अखिलेश तिवारी.

आगरा में एक किसान ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिले 2 हजार रुपये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिए हैं. साथ ही एक चिट्ठी भी भेजी है जिसमें मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की गई है.

किसान के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांगी गई इच्छा मृत्यु के मामले का उदाहरण देते हुए अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि एक तरफ ढाई लोग और उनके मंत्री नाम बदलने में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ एक किसान सरकार से आत्महत्या की आज्ञा लेने पर मजबूर हो गया. उन्होंने कहा कि दिनभर खेतों में मेहनत और चौकीदारी करने के बाद भी अन्नदाता किसान अपना पेट नहीं भर पा रहा है. यह कितने शर्म की बात है कि दूसरों का पेट भरने वाला किसान खुद भूखा मरे.

आगरा के बरौली अहीर के निवासी आलू उत्पादक किसान प्रदीप शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा है कि वह पिछले 4 साल से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं. लेकिन अब तक नाकामी ही हाथ लगी है. किसान का दावा है कि वह 35 लाख के कर्ज में डूबा हुआ है. ऐसे में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिले 2 हजार रुपये उसके लिए निरर्थक हैं.

Intro:लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसानों की बदहाली का आरोप लगाया है उन्होंने आगरा में एक किसान की ओर से इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने का हवाला देते हुए कहा है कि इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता.


Body:आगरा में एक किसान ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिले ₹2000 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिए हैं और इसके साथ ही एक चिट्ठी भी भेजी है जिसमें मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की गई है आगरा के बरौली अहीर के निवासी आलू उत्पादक किसान प्रदीप शर्मा मुख्यमंत्री को भेजें पत्र में कहा है कि वह पिछले 4 साल से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं लेकिन अब तक नाकाम ही हाथ लगी है किसान का दावा है कि वह ₹3500000 के कर्ज में डूबा हुआ है ऐसे में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिले ₹2000 उसके लिए निरर्थक हैं किसान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है इस मामले का उदाहरण देते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है के एक तरफ ढाई लोग और उनके मंत्री नाम बदलने में व्यस्त है तो दूसरी तरफ एक किसान सरकार से आत्महत्या की आज्ञा लेने पर मजबूर हो गया उन्होंने कहा कि दिनभर खेतों में मेहनत और चौकीदारी कर के भी अन्नदाता किसान अपना पेट नहीं भर पा रहा है यह कितने शर्म की बात है कि दूसरों का पेट भरने वाला किसान खुद भूखा मरे. अखिलेश यादव का कहना है कि ऐसे हालात जब मौजूद है तो यह केंद्र और प्रदेश दोनों जगह पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की नाकामी है ऐसे पर सरकार को बताना चाहिए कि उसने किसानों की बेहतरी के लिए क्या किया है और अगर सचमुच किसानों के लिए कुछ किया गया है तो वह आत्महत्या करने के लिए क्यों मजबूर हैं.

पीटीसी अखिलेश तिवारी


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