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सपा-प्रसपा के गठबंधन से बदलेगा चुनावी समीकरण, इतनी सीटों पर मिलेगा साइकिल को फायदा!

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बृहस्पतिवार शाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के घर पहुंचे। दोनों में करीब 40 मिनट बातचीत हुई. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. लिखा कि गठबंधन पर बातचीत हुई.

सपा प्रसपा गठबंधन
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Published : Dec 16, 2021, 11:02 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) गुरुवार की शाम चाचा यानी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके आवास पहुंचे. चाचा-भतीजे के बीच करीब 40 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई. इसी दौरान विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) में सपा-प्रसपा के बीच गठबंधन की बुनियाद रखी गई.

सूत्र बताते हैं कि शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में करना चाह रहे थे लेकिन अखिलेश यादव ने कहा कि वह जिस प्रकार से छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार बसपा के साथ भी गठबंधन करेंगे.

करीब 5 साल बाद अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात हुई तो दूरियां भी कम हुईं. सियासी गठबंधन पर बातचीत आगे बढ़ी. सूत्र बताते हैं कि करीब 12-13 सीटों पर समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठबंधन किए जाने पर सहमति लगभग बन गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच आने वाले कुछ दिनों में मेल मुलाकात और इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी. सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव मुलाकात के बाद शिवपाल सिंह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिले और उन्हें इस बातचीत की जानकारी दी. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव के बीच धुरी का काम कर रहे हैं और सीटों के तालमेल और अन्य समन्वय स्थापित कराने की कवायद कर रहे हैं.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्र .


हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रसपा के साथ गठबंधन पर सहमति बनने की जानकारी दी थी. शिवपाल सिंह यादव ने भी ट्वीट कर कहा कि आज अखिलेश यादव से मुलाकात हुई है और गठबंधन पर बातचीत हुई है. दोनों दलों के बाद गठबंधन पर बनी सहमति के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में यह बात स्पष्ट हो गई है कि समाजवादी पार्टी चुनाव मैदान में और मजबूत तरीके से चुनाव लड़ेगी. समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को और करीब टक्कर देने में सफल हो सकती है.


अखिलेश-शिवपाल की मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह है. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद शिवपाल यादव के घर के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक नजर आए. सपा-प्रसपा के गठबंधन से पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और अवध में करीब 40 से 50 सीटों पर समाजवादी पार्टी को फायदा मिल सकता है. दरअसल, शिवपाल सिंह यादव संगठन के कामकाज में काफी रूचि रखते हैं और तमाम जिलों में उनकी पकड़ और पहुंच भी है. ऐसे में दोनों लोगों के साथ चुनाव लड़ने से समाजवादी पार्टी गठबंधन को इससे फायदा होगा. इससे सपा की चुनावी राह आसान भी हो सकती है.

इसे भी पढे़ं-दूर हुए चाचा-भतीजे के गिले-शिकवे, जानें कब बिछड़े और फिर क्यों मिले?


ईटीवी भारत ने सपा-प्रसपा के गठबंधन पर राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्र से बातचीत की. वह कहते हैं कि अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात हुई है. इसमें सीटों का कितना फायदा होगा, उससे कहीं मौलिक सवाल यह है कि आखिर इस गठबंधन से उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह कितना आएगा. कहते हैं कि किसी भी सेना के लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है सेना में उत्साह हो. जब सेना उत्साह में होती है तो बड़ी-बड़ी फतह होती है. अगर, उत्साह कम होता है तो तो छोटी फतह भी करने में दिक्कत होती है.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: आखिर मिट गईं चाचा और भतीजे में दूरियां, सपा और प्रसपा में गठबंधन

शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश जिस तरह से मिले हैं अखिलेश ने ट्वीट किया है और कहा कि हमारा गठबंधन हो गया है. उससे जो भी बातें हुई हो वह अलग हैं. इस मुलाकात से उनकी सेनाओं यानी कार्यकर्ताओं को एक बड़ी संजीवनी मिली है. जहां तक सीटों की बात है शिवपाल सिंह यादव संगठन के मजबूत आदमी हैं. एटा, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, फर्रुखाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, और देवरिया सहित तमाम जिलों की सीटों पर वह भारतीय जनता पार्टी के लिए दिक्कत का सबब बन जाएंगे. अखिलेश यादव को वह मदद करेंगे. ऐसी सब जगहों पर शिवपाल सिंह यादव के पास अच्छा वोट बैंक भी है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) गुरुवार की शाम चाचा यानी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके आवास पहुंचे. चाचा-भतीजे के बीच करीब 40 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई. इसी दौरान विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) में सपा-प्रसपा के बीच गठबंधन की बुनियाद रखी गई.

सूत्र बताते हैं कि शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में करना चाह रहे थे लेकिन अखिलेश यादव ने कहा कि वह जिस प्रकार से छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार बसपा के साथ भी गठबंधन करेंगे.

करीब 5 साल बाद अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात हुई तो दूरियां भी कम हुईं. सियासी गठबंधन पर बातचीत आगे बढ़ी. सूत्र बताते हैं कि करीब 12-13 सीटों पर समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठबंधन किए जाने पर सहमति लगभग बन गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच आने वाले कुछ दिनों में मेल मुलाकात और इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी. सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव मुलाकात के बाद शिवपाल सिंह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिले और उन्हें इस बातचीत की जानकारी दी. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव के बीच धुरी का काम कर रहे हैं और सीटों के तालमेल और अन्य समन्वय स्थापित कराने की कवायद कर रहे हैं.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्र .


हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रसपा के साथ गठबंधन पर सहमति बनने की जानकारी दी थी. शिवपाल सिंह यादव ने भी ट्वीट कर कहा कि आज अखिलेश यादव से मुलाकात हुई है और गठबंधन पर बातचीत हुई है. दोनों दलों के बाद गठबंधन पर बनी सहमति के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में यह बात स्पष्ट हो गई है कि समाजवादी पार्टी चुनाव मैदान में और मजबूत तरीके से चुनाव लड़ेगी. समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को और करीब टक्कर देने में सफल हो सकती है.


अखिलेश-शिवपाल की मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह है. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद शिवपाल यादव के घर के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक नजर आए. सपा-प्रसपा के गठबंधन से पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और अवध में करीब 40 से 50 सीटों पर समाजवादी पार्टी को फायदा मिल सकता है. दरअसल, शिवपाल सिंह यादव संगठन के कामकाज में काफी रूचि रखते हैं और तमाम जिलों में उनकी पकड़ और पहुंच भी है. ऐसे में दोनों लोगों के साथ चुनाव लड़ने से समाजवादी पार्टी गठबंधन को इससे फायदा होगा. इससे सपा की चुनावी राह आसान भी हो सकती है.

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ईटीवी भारत ने सपा-प्रसपा के गठबंधन पर राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्र से बातचीत की. वह कहते हैं कि अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात हुई है. इसमें सीटों का कितना फायदा होगा, उससे कहीं मौलिक सवाल यह है कि आखिर इस गठबंधन से उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह कितना आएगा. कहते हैं कि किसी भी सेना के लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है सेना में उत्साह हो. जब सेना उत्साह में होती है तो बड़ी-बड़ी फतह होती है. अगर, उत्साह कम होता है तो तो छोटी फतह भी करने में दिक्कत होती है.

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शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश जिस तरह से मिले हैं अखिलेश ने ट्वीट किया है और कहा कि हमारा गठबंधन हो गया है. उससे जो भी बातें हुई हो वह अलग हैं. इस मुलाकात से उनकी सेनाओं यानी कार्यकर्ताओं को एक बड़ी संजीवनी मिली है. जहां तक सीटों की बात है शिवपाल सिंह यादव संगठन के मजबूत आदमी हैं. एटा, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, फर्रुखाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, और देवरिया सहित तमाम जिलों की सीटों पर वह भारतीय जनता पार्टी के लिए दिक्कत का सबब बन जाएंगे. अखिलेश यादव को वह मदद करेंगे. ऐसी सब जगहों पर शिवपाल सिंह यादव के पास अच्छा वोट बैंक भी है.

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