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लखनऊ गैंगवारः 50 सेकेंड में चलीं 30 गोलियां

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Published : Jan 7, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 10:54 PM IST

राजधानी लखनऊ में बुधवार की शाम को विभूति खंड के कठौता चौराहे पर एक बड़ा गैंगवार हुआ. इस गैंगवार में मऊ के गोहाना मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की 4 शूटरों ने गोली मार कर हत्या कर दी. साथ ही अजीत सिंह का साथी मोहर सिंह गोली लगने से घायल हो गया. अजीत हत्याकांड में 50 सेकेंड में दोनों तरफ से ताबड़तोड़ 30 गोलियां चलीं. गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा.

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लखनऊ गैंगवार.

लखनऊः गैंगवार की पूरी घटना फिल्मी स्टाइल में घटित हुई. 1 मिनट से भी कम समय में 30 राउंड ताबड़तोड़ गोलियां अजीत सिंह के ऊपर बरसाई गई. इस घटनाक्रम के खुलासे के लिए पुलिस की 5 टीमें काम कर रही हैं. इस मामले में तीन नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा का नाम शामिल है. पुलिस ने बताया कि गिरधारी विश्वकर्मा गैंगवार के दौरान मौके पर मौजूद था. उस पर वाराणसी से एक लाख इनाम घोषित है.

रिपोर्ट.

फिल्मी स्टाइल में हुआ गैंगवार

मऊ के गोहाना मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह लखनऊ के विभूति खंड के अंतर्गत कठौता चौराहे पर हुए गैंगवार में मारे गए. 31 दिसंबर 2020 को अजीत सिंह मऊ से जिला बदर किए गए थे. तब से वह लखनऊ में ही रह रहे थे. घटना के बाद पुलिस ने मौजूद सीसीटीवी के माध्यम से चार हमलावरों के मौके पर होने के सबूत मिले हैं. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पूरी गैंगवार की घटना 1 मिनट से भी समय में घटित हुई है.

अजीत के पल-पल की हो रही थी मुखबिरी

पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की मुखबिरी कई दिनों से हो रही थी. जिस दौरान उसकी हत्या हुई, वह अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी से हुक्के का पाइप लेने के लिए कठौता चौराहे पर उतरा था. इस दौरान उसके साथ तीन और गनर भी थे, जिनके तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई, लेकिन वह काम नहीं आई. मुखबिरी कर रहे आरोपियों को मौका मिल गया और अजीत सिंह पर फायरिंग शुरू कर दी.

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मृतक अजीत सिंह.

अजीत की हत्या में ये नाम आए सामने

अजीत सिंह के घायल साथी मोहर सिंह की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे में प्रदेश के टॉप टेन अपराधी रह चुके कुंटू सिंह का नाम शामिल है. दूसरे अभियुक्त के रूप में अखंड प्रताप और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा का नाम भी दर्ज है. पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 120b और 434 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही कई ऐसे हमलावर का नाम भी शामिल है जो अज्ञात के रूप में दर्ज है.

कभी रहा था दोस्ताना

बताया जाता है कि अजीत सिंह कभी कुंटू सिंह का अजीज हुआ करता था. वह उनके लिए शूटर के रूप में काम करता था, लेकिन पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए. इस हत्या में कुंटू सिंह नामजद हो गया तो वहीं मृतक अजीत सिंह गवाह बन गया था. इसके बाद अजीत सिंह, कुंटू सिंह को चुभने लगा.

गैंगवार के दौरान कार में लगी गोली का निशान.
गैंगवार के दौरान कार में लगी गोली का निशान.

मुख्तार अंसारी गिरोह से भी संबंध था अजीत का

कुख्यात अपराधी कुंटू सिंह से दुश्मनी होने के बाद मृतक अजीत मुख्तार अंसारी के करीबी हो गया. जिसके चलते उसके कई और दुश्मन भी बन गए. यही कारण था कि मुख्तार अंसारी गिरोह के लोग लगातार मारे जा रहे हैं. इसके पहले भी 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्प जीत की हत्या हो चुकी है, जिससे मुन्ना बजरंगी का पूरा वर्चस्व टूट गया.

अजीत सिंह पर दर्ज है 19 मुकदमे

मृतक पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह कोई साधारण आदमी नहीं था, बल्कि वह खुद एक हिस्ट्रीशीटर था. उस पर 19 मुकदमे दर्ज थे. जिसमें 5 मुकदमें हत्या के भी शामिल हैं. उसका साथी मोहर सिंह जो दिन रात उसके साथ साए की तरह चलता था. वह भी एक हिस्ट्रीशीटर बताया गया है.

लखनऊः गैंगवार की पूरी घटना फिल्मी स्टाइल में घटित हुई. 1 मिनट से भी कम समय में 30 राउंड ताबड़तोड़ गोलियां अजीत सिंह के ऊपर बरसाई गई. इस घटनाक्रम के खुलासे के लिए पुलिस की 5 टीमें काम कर रही हैं. इस मामले में तीन नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा का नाम शामिल है. पुलिस ने बताया कि गिरधारी विश्वकर्मा गैंगवार के दौरान मौके पर मौजूद था. उस पर वाराणसी से एक लाख इनाम घोषित है.

रिपोर्ट.

फिल्मी स्टाइल में हुआ गैंगवार

मऊ के गोहाना मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह लखनऊ के विभूति खंड के अंतर्गत कठौता चौराहे पर हुए गैंगवार में मारे गए. 31 दिसंबर 2020 को अजीत सिंह मऊ से जिला बदर किए गए थे. तब से वह लखनऊ में ही रह रहे थे. घटना के बाद पुलिस ने मौजूद सीसीटीवी के माध्यम से चार हमलावरों के मौके पर होने के सबूत मिले हैं. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पूरी गैंगवार की घटना 1 मिनट से भी समय में घटित हुई है.

अजीत के पल-पल की हो रही थी मुखबिरी

पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की मुखबिरी कई दिनों से हो रही थी. जिस दौरान उसकी हत्या हुई, वह अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी से हुक्के का पाइप लेने के लिए कठौता चौराहे पर उतरा था. इस दौरान उसके साथ तीन और गनर भी थे, जिनके तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई, लेकिन वह काम नहीं आई. मुखबिरी कर रहे आरोपियों को मौका मिल गया और अजीत सिंह पर फायरिंग शुरू कर दी.

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मृतक अजीत सिंह.

अजीत की हत्या में ये नाम आए सामने

अजीत सिंह के घायल साथी मोहर सिंह की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे में प्रदेश के टॉप टेन अपराधी रह चुके कुंटू सिंह का नाम शामिल है. दूसरे अभियुक्त के रूप में अखंड प्रताप और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा का नाम भी दर्ज है. पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 120b और 434 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही कई ऐसे हमलावर का नाम भी शामिल है जो अज्ञात के रूप में दर्ज है.

कभी रहा था दोस्ताना

बताया जाता है कि अजीत सिंह कभी कुंटू सिंह का अजीज हुआ करता था. वह उनके लिए शूटर के रूप में काम करता था, लेकिन पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए. इस हत्या में कुंटू सिंह नामजद हो गया तो वहीं मृतक अजीत सिंह गवाह बन गया था. इसके बाद अजीत सिंह, कुंटू सिंह को चुभने लगा.

गैंगवार के दौरान कार में लगी गोली का निशान.
गैंगवार के दौरान कार में लगी गोली का निशान.

मुख्तार अंसारी गिरोह से भी संबंध था अजीत का

कुख्यात अपराधी कुंटू सिंह से दुश्मनी होने के बाद मृतक अजीत मुख्तार अंसारी के करीबी हो गया. जिसके चलते उसके कई और दुश्मन भी बन गए. यही कारण था कि मुख्तार अंसारी गिरोह के लोग लगातार मारे जा रहे हैं. इसके पहले भी 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्प जीत की हत्या हो चुकी है, जिससे मुन्ना बजरंगी का पूरा वर्चस्व टूट गया.

अजीत सिंह पर दर्ज है 19 मुकदमे

मृतक पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह कोई साधारण आदमी नहीं था, बल्कि वह खुद एक हिस्ट्रीशीटर था. उस पर 19 मुकदमे दर्ज थे. जिसमें 5 मुकदमें हत्या के भी शामिल हैं. उसका साथी मोहर सिंह जो दिन रात उसके साथ साए की तरह चलता था. वह भी एक हिस्ट्रीशीटर बताया गया है.

Last Updated : Jan 7, 2021, 10:54 PM IST
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