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अजय राय बने यूपी कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष, पीएम मोदी के खिलाफ लड़ा था चुनाव - उत्तर प्रदेश कांग्रेस

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Published : Aug 17, 2023, 6:26 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 7:11 PM IST

18:24 August 17

जारी आदेश
जारी आदेश

लखनऊ/वाराणसी : उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान पार्टी हाई कमान ने पूर्व विधायक अजय राय को सौंप दी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने करीब साल भर पहले बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की जगह अजय राय को अध्यक्ष बनाया है. पार्टी के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी घोषणा की. विज्ञप्ति में उन्होंने बनारस से विधायक रहे व वर्तमान में प्रांतीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे अजय राय को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है तो वहीं पार्टी ने मौजूदा अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की उनके अब तक के कार्य के लिए सराहना की है. इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किए गए सभी जोनल प्रेसिडेंट को भी पार्टी ने हटा दिया है. अब नए अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ ही पार्टी में नए सिरे से पदाधिकारी की नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू होगी. ज्ञात हो कि बृजलाल खाबरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी ने फिर प्रांतीय अध्यक्ष की नियुक्ति की थी.


कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 'कांग्रेस जहां हर राज्य में क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश में दो प्रमुख क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ कांग्रेस का अब तक तालमेल पूरी तरह से नहीं बैठ पाया है. बेंगलुरु में हुए विपक्षी दलों के बैठक में उत्तर प्रदेश से केवल समाजवादी पार्टी और उसके साथ 2022 में चुनाव लड़ने वाले सहयोगी दल पहुंचे थे, जबकि प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े क्षेत्रीय दल व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ अब तक पार्टी के गठबंधन को लेकर कोई बात पटरी पर नहीं आ पा रही थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजलाल खाबरी पूर्व में बहुजन समाज पार्टी के नेता रह चुके हैं. ऐसे में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से गठबंधन को लेकर बातें नहीं हो पा रही थीं. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में बदलाव को प्राथमिकता दी है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अजय राय बनारस से चुनाव लड़ते हैं, जिस सीट से प्रधानमंत्री सांसद हैं. ऐसे में इस संसदीय सीट के नेता को पार्टी की कमान देने से पार्टी की मौजूदा स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है.'

बृजलाल खाबरी करीब एक साल तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. अध्यक्ष बनने के कुछ समय बाद ही उनकी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबियों के साथ मतभेद की खबरें सामने आने लगी थीं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजलाल खाबरी जब भी अपनी टीम बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजते थे तो प्रियंका गांधी के करीबियों की तरफ से उस पर बार-बार रोक लगाया जा रहा था.


अजय राय पांच बार रहे विधायक : कांग्रेस ने अजय राय को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. अजय राय वाराणसी में प्रांतीय अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे. उन्हें पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतारा था, हालांकि वह दोनों ही बाद हार गए. अजय राय वाराणसी के रहने वाले हैं. अजय राय वाराणसी से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं. साल 1996 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी तब से साल 2007 तक वह विधायक रहे. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में भी रहे.


निर्दलीय चुनाव लड़कर बने विधायक : पार्टी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद अजय राय ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया है. मैं पार्टी के वरिष्ठ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा. मैं पार्टी का एक सिपाही मात्र हूं. कांग्रेस की नीतियों को पहुंचाऊंगा. बता दें कि अजय राय वाराणसी से कांग्रेस के लिए एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं. वह वाराणसी के पिंडरा से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. वह यहां से विधायक रहे हैं. साल 2009 में उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था, मगर वह हार गए थे.

यह भी पढ़ें : शुद्ध वातावरण के लिए लगाने होंगे अधिक से अधिक पेड़ पौधे, मुख्य सचिव ने किया पुस्तक का विमोचन


लगातार हार का सामना कर रहे अजय राय : अजय राय पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं. अजय राय की राजनीति यात्रा की बात करें तो वह पहले भाजपा में साल 1996 में गए इसके बाद साल 2007 तक विधायक रहे. फिर समाजवादी पार्टी में भी गए. निर्दलीय चुनाव भी लड़ा और फिर कांग्रेस में शामिल हुए. उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुए साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई थी, लेकिन जीत नहीं मिल सकी. 2014 और 2019 में भी हार ही मिली थी. हालांकि उन पर कांग्रेस पार्टी ने इस बार फिर भरोसा जताया और प्रदेश अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है.

यह भी पढ़ें : ट्यूशन पढ़ाते समय बच्ची को अश्लील वीडियो दिखाता था मौलाना, डर से छोड़ दिया था खाना-पीना

18:24 August 17

जारी आदेश
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लखनऊ/वाराणसी : उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान पार्टी हाई कमान ने पूर्व विधायक अजय राय को सौंप दी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने करीब साल भर पहले बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की जगह अजय राय को अध्यक्ष बनाया है. पार्टी के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी घोषणा की. विज्ञप्ति में उन्होंने बनारस से विधायक रहे व वर्तमान में प्रांतीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे अजय राय को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है तो वहीं पार्टी ने मौजूदा अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की उनके अब तक के कार्य के लिए सराहना की है. इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किए गए सभी जोनल प्रेसिडेंट को भी पार्टी ने हटा दिया है. अब नए अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ ही पार्टी में नए सिरे से पदाधिकारी की नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू होगी. ज्ञात हो कि बृजलाल खाबरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी ने फिर प्रांतीय अध्यक्ष की नियुक्ति की थी.


कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 'कांग्रेस जहां हर राज्य में क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश में दो प्रमुख क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ कांग्रेस का अब तक तालमेल पूरी तरह से नहीं बैठ पाया है. बेंगलुरु में हुए विपक्षी दलों के बैठक में उत्तर प्रदेश से केवल समाजवादी पार्टी और उसके साथ 2022 में चुनाव लड़ने वाले सहयोगी दल पहुंचे थे, जबकि प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े क्षेत्रीय दल व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ अब तक पार्टी के गठबंधन को लेकर कोई बात पटरी पर नहीं आ पा रही थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजलाल खाबरी पूर्व में बहुजन समाज पार्टी के नेता रह चुके हैं. ऐसे में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से गठबंधन को लेकर बातें नहीं हो पा रही थीं. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में बदलाव को प्राथमिकता दी है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अजय राय बनारस से चुनाव लड़ते हैं, जिस सीट से प्रधानमंत्री सांसद हैं. ऐसे में इस संसदीय सीट के नेता को पार्टी की कमान देने से पार्टी की मौजूदा स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है.'

बृजलाल खाबरी करीब एक साल तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. अध्यक्ष बनने के कुछ समय बाद ही उनकी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबियों के साथ मतभेद की खबरें सामने आने लगी थीं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बृजलाल खाबरी जब भी अपनी टीम बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजते थे तो प्रियंका गांधी के करीबियों की तरफ से उस पर बार-बार रोक लगाया जा रहा था.


अजय राय पांच बार रहे विधायक : कांग्रेस ने अजय राय को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. अजय राय वाराणसी में प्रांतीय अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे. उन्हें पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतारा था, हालांकि वह दोनों ही बाद हार गए. अजय राय वाराणसी के रहने वाले हैं. अजय राय वाराणसी से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं. साल 1996 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी तब से साल 2007 तक वह विधायक रहे. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में भी रहे.


निर्दलीय चुनाव लड़कर बने विधायक : पार्टी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद अजय राय ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया है. मैं पार्टी के वरिष्ठ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा. मैं पार्टी का एक सिपाही मात्र हूं. कांग्रेस की नीतियों को पहुंचाऊंगा. बता दें कि अजय राय वाराणसी से कांग्रेस के लिए एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं. वह वाराणसी के पिंडरा से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. वह यहां से विधायक रहे हैं. साल 2009 में उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था, मगर वह हार गए थे.

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लगातार हार का सामना कर रहे अजय राय : अजय राय पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं. अजय राय की राजनीति यात्रा की बात करें तो वह पहले भाजपा में साल 1996 में गए इसके बाद साल 2007 तक विधायक रहे. फिर समाजवादी पार्टी में भी गए. निर्दलीय चुनाव भी लड़ा और फिर कांग्रेस में शामिल हुए. उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुए साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई थी, लेकिन जीत नहीं मिल सकी. 2014 और 2019 में भी हार ही मिली थी. हालांकि उन पर कांग्रेस पार्टी ने इस बार फिर भरोसा जताया और प्रदेश अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है.

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Last Updated : Aug 17, 2023, 7:11 PM IST
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