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अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी के लोक संकल्प पत्र पर दिया ये बयान - lucknow hindi news

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बेरोजगारी को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया है.

अजय कुमार लल्लू
अजय कुमार लल्लू
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Published : Mar 1, 2021, 5:24 PM IST

लखनऊ : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है. उन्होंने योगी सरकार के बेरोजगारी पर प्रस्तुत किए जा रहे आंकड़े को झूठा और हवा-हवाई करार दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया है.

22 भर्तियां अभी तक अटकीं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया, जोकि उनके वादे का मखौल उड़ाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी भर्तियों के तमाम आयोगों में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रमुख है, लेकिन उसकी मौजूदा बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से लेकर 2019 के बीच निकाली गई 24 प्रकार की भर्तियों में से 22 भर्तियां अभी तक अटकी हुई हैं. 11 भर्तियों में से अब तक महज आयोग से एक ही भर्ती सकुशल हो पाई है. शेष अभी लंबित पड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि आयोग की लंबित भर्तियों में वीडीओ 2018, युवा कल्याण अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, सम्मिलित तकनीकी सेवा, आबकारी सिपाही आदि शामिल हैं. वीडीओ 2018 की भर्ती के अभ्यर्थी पिछले 17 महीने से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर सड़कों पर आन्दोलनरत हैं. साथ ही साथ उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है.

घटती विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कॉन्स्टेबल पद के लिए 49568 रिक्तियों में से मात्र 14 हजार अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग में भेजा गया, बाकी 35568 अभ्यर्थी अभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. आए दिन राजधानी में धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं. अहंकारी और संवेदनहीन सरकार ने इनको अपने हाल पर छोड़ दिया है. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस समय बढ़ती बेरोजगारी और घटती विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल है. बेरोजगारों को सरकार रोजगार दे पाने में अक्षम साबित हो रही है. इसके चलते प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गई है. पिछले दो सालों में ही साढ़े 12 लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़े हैं. सरकार द्वारा 90 दिनों में पांच लाख रोजगार देने जैसे झूठे दावे करके बेरोजगारों और युवाओं का मजाक उड़ा रही है. उत्तर प्रदेश में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते आए दिन युवा बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं.

लाखों युवाओं ने पोर्टल पर कराया पंजीकरण

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है. प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है, जोकि पूरे देश में सबसे अधिक है. यह प्रदेश की बेरोजगारी की भयावहता को दर्शाता है. सरकार अपने अहंकार में इसका हल निकालने के बजाय रोजगार मांगने वाले नौजवानों के प्रति दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. प्रयागराज में रोजगार मांग रहे 103 छात्र-छात्राओं पर मुकदमा दर्ज करना सरकार की निरंकुशता का प्रमाण है. सरकार आवाज उठाने पर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में बेरोजगारों का मजाक उड़ाती है और फर्जी आंकड़े प्रस्तुत करके बेरोजगारी की भयावह स्थिति को छिपाने का प्रयास करती है.

लखनऊ : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है. उन्होंने योगी सरकार के बेरोजगारी पर प्रस्तुत किए जा रहे आंकड़े को झूठा और हवा-हवाई करार दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया है.

22 भर्तियां अभी तक अटकीं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया, जोकि उनके वादे का मखौल उड़ाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी भर्तियों के तमाम आयोगों में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रमुख है, लेकिन उसकी मौजूदा बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से लेकर 2019 के बीच निकाली गई 24 प्रकार की भर्तियों में से 22 भर्तियां अभी तक अटकी हुई हैं. 11 भर्तियों में से अब तक महज आयोग से एक ही भर्ती सकुशल हो पाई है. शेष अभी लंबित पड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि आयोग की लंबित भर्तियों में वीडीओ 2018, युवा कल्याण अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, सम्मिलित तकनीकी सेवा, आबकारी सिपाही आदि शामिल हैं. वीडीओ 2018 की भर्ती के अभ्यर्थी पिछले 17 महीने से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर सड़कों पर आन्दोलनरत हैं. साथ ही साथ उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है.

घटती विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कॉन्स्टेबल पद के लिए 49568 रिक्तियों में से मात्र 14 हजार अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग में भेजा गया, बाकी 35568 अभ्यर्थी अभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. आए दिन राजधानी में धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं. अहंकारी और संवेदनहीन सरकार ने इनको अपने हाल पर छोड़ दिया है. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस समय बढ़ती बेरोजगारी और घटती विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल है. बेरोजगारों को सरकार रोजगार दे पाने में अक्षम साबित हो रही है. इसके चलते प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गई है. पिछले दो सालों में ही साढ़े 12 लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़े हैं. सरकार द्वारा 90 दिनों में पांच लाख रोजगार देने जैसे झूठे दावे करके बेरोजगारों और युवाओं का मजाक उड़ा रही है. उत्तर प्रदेश में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते आए दिन युवा बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं.

लाखों युवाओं ने पोर्टल पर कराया पंजीकरण

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है. प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है, जोकि पूरे देश में सबसे अधिक है. यह प्रदेश की बेरोजगारी की भयावहता को दर्शाता है. सरकार अपने अहंकार में इसका हल निकालने के बजाय रोजगार मांगने वाले नौजवानों के प्रति दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. प्रयागराज में रोजगार मांग रहे 103 छात्र-छात्राओं पर मुकदमा दर्ज करना सरकार की निरंकुशता का प्रमाण है. सरकार आवाज उठाने पर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में बेरोजगारों का मजाक उड़ाती है और फर्जी आंकड़े प्रस्तुत करके बेरोजगारी की भयावह स्थिति को छिपाने का प्रयास करती है.

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