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अभी भी खतरनाक है प्रदेश के इन शहरों की आबोहवा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक राजधानी कानपुर की आबोहवा अभी भी बेहद खराब है. यहां का एक्यूआई लेवल गंभीर स्थिति में है.

शहरों की हवा खराब
शहरों की हवा खराब
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Published : Jan 7, 2021, 12:30 PM IST

लखनऊ: यूपी के कई जिलों में लगातार प्रदूषण फैला का खतरा बढ़ता जा रहा है. बुधवार को जहां कई जिलों के प्रदूषण में कमी आई, तो वहीं राजधानी लखनऊ और कानपुर में प्रदूषण अभी बरकरार है. बीते दिनों बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और मेरठ समेत कई जिलों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है. कई जिलों में तो एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को बुलंदशहर का एक्यूआई 244, गाजियाबाद 253, ग्रेटर नोएडा 240, कानपुर 319, लखनऊ 320, मेरठ 105 और नोएडा में 230 दर्ज किया गया.

राजधानी की आबोहवा में नहीं हो रहा सुधार

पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है. इस समय लखनऊ की हवा बहुत खराब है.

उन्होंने बताया कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह महीन कण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है, हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

लखनऊ: यूपी के कई जिलों में लगातार प्रदूषण फैला का खतरा बढ़ता जा रहा है. बुधवार को जहां कई जिलों के प्रदूषण में कमी आई, तो वहीं राजधानी लखनऊ और कानपुर में प्रदूषण अभी बरकरार है. बीते दिनों बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और मेरठ समेत कई जिलों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है. कई जिलों में तो एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को बुलंदशहर का एक्यूआई 244, गाजियाबाद 253, ग्रेटर नोएडा 240, कानपुर 319, लखनऊ 320, मेरठ 105 और नोएडा में 230 दर्ज किया गया.

राजधानी की आबोहवा में नहीं हो रहा सुधार

पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है. इस समय लखनऊ की हवा बहुत खराब है.

उन्होंने बताया कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह महीन कण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है, हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

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