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लखनऊ विश्वविद्यालय में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम का किया गया आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस आयोजन का विषय 'भारतीय शहरों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जागरूकता' रखा गया, जिससे अधिक से अधिक लोगों को वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक किया जा सके.

एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
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Published : Feb 7, 2020, 11:16 AM IST

लखनऊ: प्रदूषण की मार से आज हर व्यक्ति अपने आप को बचाता नजर आ रहा है. कई बड़े शहरों में प्रदूषण से निपटने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक्शन प्लान भी बनाए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट में भी एक व्याख्यान किया गया, जिसमें वायु प्रदूषण से बचने के एक्शन प्लान के बारे में बताया गया.

एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम का आयोजन.
व्याख्यान का किया गया आयोजनलखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के बीपी प्रधान ऑडिटोरियम में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस आयोजन का विषय
'भारतीय शहरों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जागरूकता' रखा गया था. इस कार्यक्रम में वक्ता डॉ. गीतांजलि कौशिक उपस्थित रहीं, जिन्होंने औरंगाबाद, उल्हासनगर, जालना, लातूर, नासिक, ठाणे, बदलापुर जैसे कई शहरों में एयर एक्शन प्लान तैयार किए. उनके प्लान को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत उन शहरों में लागू भी किया जा रहा है.

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम किया गया शुरू

डॉ. गीतांजलि कौशिक ने बताया कि सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को शुरू किया गया है, जिसके तहत 122 शहरों के एक्शन प्लान बनाए गए हैं. इन एक्शन प्लान में सेक्टर वाइज कॉस्ट इफेक्टिव कदम उठाए गए हैं. यह अगले 5 साल में 25 से 30 परसेंट तक pm10 के कंसंट्रेशन को कम से कम करने में सहायक साबित होंगे.

छात्र-छात्राओं से शुरु की गई है जागरूकता अभियान

लखनऊ शहर में भी सिटी प्लान बनाया गया है और इसकी तैयारी की जा रही है. डॉ. गीतांजलि ने बताया कि किसी भी सकारात्मक चीज को शुरू करने के साथ-साथ उसकी जागरूकता होना भी बहुत जरूरी होता है. यह जागरूकता छात्र-छात्राओं से शुरू की गई है क्योंकि वह हमारी आने वाली युवा पीढ़ी हैं. उनसे ही प्रदूषण जैसी समस्या का काफी हद तक इलाज किया जा सकता है. युवा पीढ़ी को हम अच्छे से बता सकेंगे कि यह हमारे लिए कितना नुकसानदायक है.

इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स है जरूरी

इस व्याख्यान में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के बारे में डॉक्टर शालीन रायजादा ने बताया कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स आज के दिन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं. वह आपको आपके रिसर्च और आपकी किसी भी प्रोडक्ट या प्रोसेस को आगे बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं. किसी भी यूनिवर्सिटी के तहत यदि आप कोई रिसर्च कर रहे हैं और आपने कोई पेटेंट करवाया है तो वह आपकी प्रॉपर्टी बन जाती है. ऐसे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स काफी काम आते हैं.

डॉक्टर शालीन कहती हैं कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स दुनिया भर में एक ऐसा मापदंड बन गया है, जिससे अपने शोध का स्तर तय कर सकते हैं. पहले जो रिसर्च पेपर की महत्ता होती थी वैसे ही आज पेटेंट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की भी होती जा रही है. विश्वविद्यालय के एक रेडिएशन में और रिसर्च को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होता है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: बुजुर्ग को सरिया और डंडों से पीटा, हालत गंभीर

लखनऊ: प्रदूषण की मार से आज हर व्यक्ति अपने आप को बचाता नजर आ रहा है. कई बड़े शहरों में प्रदूषण से निपटने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक्शन प्लान भी बनाए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट में भी एक व्याख्यान किया गया, जिसमें वायु प्रदूषण से बचने के एक्शन प्लान के बारे में बताया गया.

एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम का आयोजन.
व्याख्यान का किया गया आयोजनलखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के बीपी प्रधान ऑडिटोरियम में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस आयोजन का विषय 'भारतीय शहरों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एण्ड नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जागरूकता' रखा गया था. इस कार्यक्रम में वक्ता डॉ. गीतांजलि कौशिक उपस्थित रहीं, जिन्होंने औरंगाबाद, उल्हासनगर, जालना, लातूर, नासिक, ठाणे, बदलापुर जैसे कई शहरों में एयर एक्शन प्लान तैयार किए. उनके प्लान को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत उन शहरों में लागू भी किया जा रहा है.

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम किया गया शुरू

डॉ. गीतांजलि कौशिक ने बताया कि सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को शुरू किया गया है, जिसके तहत 122 शहरों के एक्शन प्लान बनाए गए हैं. इन एक्शन प्लान में सेक्टर वाइज कॉस्ट इफेक्टिव कदम उठाए गए हैं. यह अगले 5 साल में 25 से 30 परसेंट तक pm10 के कंसंट्रेशन को कम से कम करने में सहायक साबित होंगे.

छात्र-छात्राओं से शुरु की गई है जागरूकता अभियान

लखनऊ शहर में भी सिटी प्लान बनाया गया है और इसकी तैयारी की जा रही है. डॉ. गीतांजलि ने बताया कि किसी भी सकारात्मक चीज को शुरू करने के साथ-साथ उसकी जागरूकता होना भी बहुत जरूरी होता है. यह जागरूकता छात्र-छात्राओं से शुरू की गई है क्योंकि वह हमारी आने वाली युवा पीढ़ी हैं. उनसे ही प्रदूषण जैसी समस्या का काफी हद तक इलाज किया जा सकता है. युवा पीढ़ी को हम अच्छे से बता सकेंगे कि यह हमारे लिए कितना नुकसानदायक है.

इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स है जरूरी

इस व्याख्यान में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के बारे में डॉक्टर शालीन रायजादा ने बताया कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स आज के दिन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं. वह आपको आपके रिसर्च और आपकी किसी भी प्रोडक्ट या प्रोसेस को आगे बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं. किसी भी यूनिवर्सिटी के तहत यदि आप कोई रिसर्च कर रहे हैं और आपने कोई पेटेंट करवाया है तो वह आपकी प्रॉपर्टी बन जाती है. ऐसे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स काफी काम आते हैं.

डॉक्टर शालीन कहती हैं कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स दुनिया भर में एक ऐसा मापदंड बन गया है, जिससे अपने शोध का स्तर तय कर सकते हैं. पहले जो रिसर्च पेपर की महत्ता होती थी वैसे ही आज पेटेंट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की भी होती जा रही है. विश्वविद्यालय के एक रेडिएशन में और रिसर्च को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होता है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: बुजुर्ग को सरिया और डंडों से पीटा, हालत गंभीर

Intro:लखनऊ। प्रदूषण की मार से आज हर व्यक्ति अपने आप को बचाता नजर आ रहा है। कई बड़े शहरों में प्रदूषण से निपटने और वायु प्रदूषण को कमतर करने के लिए एक्शन प्लान भी बनाए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में आज लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट में भी एक व्याख्यान किया गया जिसमें वायु प्रदूषण से बचने के एक्शन प्लान के बारे में बताया गया।


Body:वीओ1 लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के बी पी प्रधान ऑडिटोरियम में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया इस का विषय 'भारतीय शहरों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जागरूकता' रखा गया था। आज उनकी मुख्य वक्ता डॉ गीतांजलि कौशिक रहीं जिन्होंने औरंगाबाद, उल्हासनगर, जालना, लातूर, नासिक, ठाणे, बदलापुर जैसे कई शहरों में एयर एक्शन प्लान तैयार किए हैं। उनके प्लान को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत उन शहरों में लागू भी किया जा रहा है। इस व्याख्यान के तहत डॉ गीतांजलि कौशिक ने बताया कि सरकार द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को शुरू किया गया है जिसके तहत 122 शहरों के एक्शन प्लान बनाए गए हैं इन एक्शन प्लांस में सेक्टर वाइज कॉस्ट इफेक्टिव कदम उठाए गए हैं जो अगले 5 साल में 25 से 30 परसेंट तक pm10 के कंसंट्रेशन को कम से कमतर करने में सहायक साबित होंगे। अगर लखनऊ शहर की बात की जाए तो यहां कभी सिटी प्लान बनाया गया है और इसके बारे में तैयारी की जा रही है। डॉ गीतांजलि ने बताया कि किसी भी सकारात्मक चीज को शुरू करने के साथ-साथ उसकी जागरूकता होना भी बहुत जरूरी होता है इसीलिए यह जागरूकता हमने छात्र-छात्राओं से शुरू की है क्योंकि वह हमारी आने वाली युवा पीढ़ी हैं और उनसे ही प्रदूषण जैसी समस्या का काफी हद तक इलाज किया जा सकता है। जब हमारी युवा पीढ़ी को हम अच्छे से बता सकेंगे कि यह हमारे लिए कितना नुकसानदायक है तो वह भी इस बात को समझेंगे और दूसरों को भी समझाएंगे। साथ ही अपने अपने स्तर पर वह इस बारे में कोई न कोई कदम भी उठाएंगे। इस व्याख्यान में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के बारे मैं डॉक्टर शालीन रायजादा ने बताया कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स आज के दिन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि वह आपको आपके रिसर्च और आपकी किसी भी प्रोडक्ट या प्रोसेस को आगे बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। किसी भी यूनिवर्सिटी के तहत यदि आप कोई रिसर्च कर रही हूं और आपने कोई पेटेंट करवाया है तो वह आपकी प्रॉपर्टी बन जाता है और ऐसे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स काफी काम आते हैं।


Conclusion:डॉक्टर शालीन कहती हैं कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स दुनिया भर में एक ऐसा मापदंड बन गया है जिससे आप अपने शोध का स्तर तय कर सकते हैं पहले जो रिसर्च पेपर की महत्ता होती थी वैसे ही आज पेटेंट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की भी होती जा रही है जो आपके विश्वविद्यालय के एक रेडिएशन में और आपके रिसर्च को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होता है। बाइट- डॉ गीतांजलि कौशिक, वक्ता बाइट- डॉ शालीन रायजादा, वक्ता रामांशी मिश्रा 9598003584
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