लखनऊ: राजधानी की हवा में धीरे-धीरे वायु प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वायु प्रदूषण के कारण सांस और हृदय संबंधी रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लोगों को मास्क लगाकर सड़क पर निकलने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जा रही है. वहीं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अभी भी जिम्मेदार गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.
हवा में घुल रहा जहर
वायु प्रदूषण का कहर अब धीरे-धीरे लोगों को अस्पताल की तरफ मुड़ने पर मजबूर करता जा रहा है. दरअसल राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण हवा में जहर घुलता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों को सांस से संबंधित तमाम बीमारियां बढ़ने लगी हैं. सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ओपीडी में करीब 15 से 20% तक कि मरीज विभिन्न श्वास रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं.
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बीमारियों से ग्रसित हो रहे लोग
चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं. हवा में प्रदूषण की अधिकता होने के कारण लोगों को जहरीली सांस लेनी पड़ रही है, जिसके वजह से उनको एलर्जी, हृदय गति से संबंधित तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रहे हैं. लोहिया अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, सिविल, केजीएमयू समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में सांस समेत दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
अस्पतालों में बढ़ रही है मरीजों की संख्या
धूल सांस की नली में पहुंचकर सूजन पैदा करती है, जिसके चलते छींक, नाक से पानी बहना और सिर दर्द की शिकायत हो जाती है. साथ ही पैरों में भी सूजन, सांस लेने में दिक्कत, खांसी ,छाती में भी दर्द हो सकता है. केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा ने भी मास्क लगाकर चलने की हिदायत दी.
अस्पतालों में बढ़े मरीज
बलरामपुर अस्पताल | 20 से 25 फीसदी |
सिविल अस्पताल | 20 फिसदी |
लोहिया संस्थान | 30 फीसदी |
केजीएमयू | 20 फीसदी |