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लखनऊ: राजधानी में बढ़ता वायु प्रदूषण, लोग हो रहे बीमार - लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण

राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण लोगों के लिए इतना खतरनाक हो गया है कि लोगों के लिये सांस लेना भी मुश्किल साबित हो रहा है. हवा में जहर घुलने की वजह से लोगों को तमाम तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

वायु प्रदूषण लोगों के लिए बना खतरा
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Published : Nov 6, 2019, 12:45 PM IST

लखनऊ: राजधानी की हवा में धीरे-धीरे वायु प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वायु प्रदूषण के कारण सांस और हृदय संबंधी रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लोगों को मास्क लगाकर सड़क पर निकलने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जा रही है. वहीं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अभी भी जिम्मेदार गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.

वायु प्रदूषण लोगों के लिए बना खतरा.

हवा में घुल रहा जहर
वायु प्रदूषण का कहर अब धीरे-धीरे लोगों को अस्पताल की तरफ मुड़ने पर मजबूर करता जा रहा है. दरअसल राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण हवा में जहर घुलता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों को सांस से संबंधित तमाम बीमारियां बढ़ने लगी हैं. सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ओपीडी में करीब 15 से 20% तक कि मरीज विभिन्न श्वास रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- जौनपुर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर, मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

बीमारियों से ग्रसित हो रहे लोग

चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं. हवा में प्रदूषण की अधिकता होने के कारण लोगों को जहरीली सांस लेनी पड़ रही है, जिसके वजह से उनको एलर्जी, हृदय गति से संबंधित तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रहे हैं. लोहिया अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, सिविल, केजीएमयू समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में सांस समेत दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.

अस्पतालों में बढ़ रही है मरीजों की संख्या

धूल सांस की नली में पहुंचकर सूजन पैदा करती है, जिसके चलते छींक, नाक से पानी बहना और सिर दर्द की शिकायत हो जाती है. साथ ही पैरों में भी सूजन, सांस लेने में दिक्कत, खांसी ,छाती में भी दर्द हो सकता है. केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा ने भी मास्क लगाकर चलने की हिदायत दी.

अस्पतालों में बढ़े मरीज

बलरामपुर अस्पताल 20 से 25 फीसदी
सिविल अस्पताल 20 फिसदी
लोहिया संस्थान 30 फीसदी
केजीएमयू 20 फीसदी

लखनऊ: राजधानी की हवा में धीरे-धीरे वायु प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वायु प्रदूषण के कारण सांस और हृदय संबंधी रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लोगों को मास्क लगाकर सड़क पर निकलने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जा रही है. वहीं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अभी भी जिम्मेदार गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.

वायु प्रदूषण लोगों के लिए बना खतरा.

हवा में घुल रहा जहर
वायु प्रदूषण का कहर अब धीरे-धीरे लोगों को अस्पताल की तरफ मुड़ने पर मजबूर करता जा रहा है. दरअसल राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण हवा में जहर घुलता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों को सांस से संबंधित तमाम बीमारियां बढ़ने लगी हैं. सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ओपीडी में करीब 15 से 20% तक कि मरीज विभिन्न श्वास रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- जौनपुर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर, मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

बीमारियों से ग्रसित हो रहे लोग

चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं. हवा में प्रदूषण की अधिकता होने के कारण लोगों को जहरीली सांस लेनी पड़ रही है, जिसके वजह से उनको एलर्जी, हृदय गति से संबंधित तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रहे हैं. लोहिया अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, सिविल, केजीएमयू समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में सांस समेत दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.

अस्पतालों में बढ़ रही है मरीजों की संख्या

धूल सांस की नली में पहुंचकर सूजन पैदा करती है, जिसके चलते छींक, नाक से पानी बहना और सिर दर्द की शिकायत हो जाती है. साथ ही पैरों में भी सूजन, सांस लेने में दिक्कत, खांसी ,छाती में भी दर्द हो सकता है. केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा ने भी मास्क लगाकर चलने की हिदायत दी.

अस्पतालों में बढ़े मरीज

बलरामपुर अस्पताल 20 से 25 फीसदी
सिविल अस्पताल 20 फिसदी
लोहिया संस्थान 30 फीसदी
केजीएमयू 20 फीसदी
Intro:राजधानी लखनऊ की हवा में धीरे-धीरे वायु प्रदूषण का जहर घुलता जा रहा है जिसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वायु प्रदूषण के कारण सांस और हृदय रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है लोगों को मास्क लगाकर सड़क पर निकलने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जा रही है तो वहीं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अभी भी जिम्मेदार गंभीर नहीं दिख रहे हैं।




Body:राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण का कहर अब धीरे-धीरे लोगों को अस्पताल की तरफ मुड़ने पर मजबूर करता जा रहा है दरअसल राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की पड़े से हवा में जहर घुलता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों को सांस से संबंधित तमाम बीमारियां बढ़ने लगी हैं ।नतीजतन सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ओपीडी में करीब 15 से 20% तक कि मरीज विभिन्न श्वास रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं। राजधानी लखनऊ के जिला अस्पतालों समेत चिकित्सा संस्थानों में सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।वायु प्रदूषण की हवा में अधिकता होने की वजह से लोगों को जहरीले सांस लेनी पड़ रही है।जिसकी वजह से उनको एलर्जी, हृदय गति से संबंधित तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रहे हैं।लोहिया अस्पताल,बलरामपुर अस्पताल,सिविल,केजीएमयू समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में सांस व अन्य समेत दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।वायु प्रदूषण ने राजधानी के वातावरण को पूरी तरह से प्रदूषित कर दिया है।इसके चलते दमा व दिल के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक हो चुका है।इस समय AQI 352 के करीब पहुंच चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में यह और भी खतरनाक हो सकता है।वहीं अगर विशेषज्ञों की माने तो शहर में निर्माण कार्य,ड्रिलिंग और खुदाई का काम बेतरतीब तरीके से चल रहा है।इसमें उड़ने वाली धूल सेहत के लिए खतरनाक होती है।धूल सांस की नली में पहुंचकर सूजन पैदा करती है। इसको इसके चलते छींक ,नाक से पानी बहना और सिर दर्द की शिकायत हो जाती है।इसके चलते पैरो में भी सूजन की शिकायत हो जाती है।सांस लेने में दिक्कत ,खांसी ,छाती में दर्द हो सकता है।तो वहीं केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रोफेसरआरएएस कुशवाहा ने भी मास्क लगाकर चलने की हिदायत दी।

अस्पतालों में बढ़े मरीज

बलरामपुर अस्पताल - 20 से 25 फ़ीसदी
सिविल अस्पताल- 20 फिसदी
लोहिया संस्थान - 30 फ़ीसदी
केजीएमयू - 20 फीसदी

बचाव-

राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण से बचाव के लिए जब घर से बाहर निकले तो मास का उपयोग करें। ढ सांस के मरीज पानी के भाप का उपयोग करें।रोगी घर के अंदर रहें और खिड़की दरवाजे बंद रखें नाक के बंद हो जाने पर नेजल स्प्रे का प्रयोग करें। सांस की परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लें।बाहर व्यायाम करने से बचें।


बाइट- आर.ए.एस कुशवाहा, प्रोफेसर, पलमोनरी विभाग, केजीएमयू
बाइट- डॉ ऋषि सक्सेना, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बलरामपुर अस्पताल




Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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