लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सर्दी का मौसम नजदीक आते ही प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है. जहरीली होती शहर की हवा का एक्यूआई 350 के ऊपर जा पहुंचा है. राजधानी को प्रदूषण के लिहाज से अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा गया है. यहां मुख्यत: दो क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं. इनमें तालकटोरा और लालबाग क्षेत्र प्रमुख हैं. इन दोनों क्षेत्रों में सरकारी तंत्र लगातार लापरवाही बरत रहा है.
लखनऊ में धूल के उठते गुबार को लेकर रोजाना पानी का छिड़काव किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि पेड़ पौधों पर धूल जमा न हो. निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है, लेकिन ये सभी प्रयास असफल होते दिख रहे हैं.
प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के मरीज बढ़े
हवा में घुलते जहर के कारण लोगों में सांस से संबंधित बीमारियां बढ़ने लगी हैं. नतीजतन सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ओपीडी में करीब 15 से 20 फीसदी मरीज सांस के विभिन्न रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं.
अस्पतालों में बढ़े मरीज
- बलरामपुर अस्पताल - 20 से 25 फ़ीसदी
- सिविल अस्पताल- 20 फिसदी
- लोहिया संस्थान - 30 फ़ीसदी
- केजीएमयू - 20 फीसदी
उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए खास प्लान तैयार किया जा रहा है. आने वाले दिनों में लोगों को प्रदूषण से निजात मिलेगा.