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प्रदेश के 4200 AIDS के मरीज झेल रहे कोरोना की मार - HIV patients

यूपी में 4200 एड्स(AIDS) के मरीज कोरोना संक्रमण की दोहरी मार झेल रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि एड्स के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. जिससे इन मरीजों को संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.

जांच करवाते एड्स मरीज.
जांच करवाते एड्स मरीज.
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Published : Dec 1, 2020, 7:49 PM IST

लखनऊः प्रदेश में एचआईवी(HIV) से पीड़ित 4200 मरीज के लिए कोरोना वायरस किसी कहर से कम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि एड्स संक्रमित मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है. जिसकी वजह से कोरोना अपना असर एड्स(AIDS) संक्रमित मरीजों के शरीर पर आसानी से हमला कर सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो यदि स्वस्थ शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो वह शरीर कोरोना के निशाने पर आ जाता है.

एड्स के मरीजों को कोरोना का खतरा.

ऐसे में एड्स संक्रमित मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य शरीरों की अपेक्षा कम होती है. इसको लेकर एड्स संक्रमित मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिनमें एड्स संक्रमित मरीजों को भीड़-भाड़ में जाने से मना कर दिया गया है. साथ ही स्वास्थ विभाग में एड्स मरीजों को मल्टीविटामिन, विटामिन सी और प्रोटीन की दवा अलग से मुहैया कराने का निर्णय लिया है.

4 लाख लोगों का किया एचआईवी टेस्ट
प्रदेश भर में इस साल कोरोना के बावजूद लगभग 4 लाख लोगों के एड्स का टेस्ट किया गया है. जिनमें से 4200 लोगों में एड्स होने की पुष्टि हुई है. कोरोना काल के दौरान यूपी एड्स सोसायटी द्वारा प्रदेश भर में संदिग्ध एचआईवी के मरीजों के सैंपल लिए गए थे. जिनमें यह संक्रमित मरीज सामने आए हैं.

ब्लड टेस्ट होने पर सामने आ रहे एचआईवी मरीज
इस बार ज्यादातर मरीज जब अपना ब्लड डोनेट करने जा रहे हैं तो उस दौरान उनके कुछ प्राथमिक टेस्ट किए जाते हैं. जिनमें एचआईवी टेस्ट भी होता है. संक्रमित आए मरीजों में ज्यादातर मरीजों का टेस्ट ब्लड डोनेशन के दौरान ही हुआ है. जिनमें ब्लड डोनर की टेस्ट रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है. जिसके बाद इन सभी का प्राथमिक इलाज भी शुरू किया गया है.

पिछले साल से कम हुए एचआईवी टेस्ट
कोरोना काल के दौरान इस साल एचआईवी टेस्ट होने की रफ्तार काफी धीमी रही. बीते साल जहां प्रदेश भर में 75 लाख एचआईवी टेस्ट हुए थे. जिनमें 23 लाख लोग एड्स संक्रमित पाए गए तो वहीं इस साल अब तक सिर्फ 4 लाख एड्स के टेस्ट हुए हैं. जिनमें सिर्फ 4200 लोग ही संक्रमित पाए.

लखनऊः प्रदेश में एचआईवी(HIV) से पीड़ित 4200 मरीज के लिए कोरोना वायरस किसी कहर से कम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि एड्स संक्रमित मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है. जिसकी वजह से कोरोना अपना असर एड्स(AIDS) संक्रमित मरीजों के शरीर पर आसानी से हमला कर सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो यदि स्वस्थ शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो वह शरीर कोरोना के निशाने पर आ जाता है.

एड्स के मरीजों को कोरोना का खतरा.

ऐसे में एड्स संक्रमित मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य शरीरों की अपेक्षा कम होती है. इसको लेकर एड्स संक्रमित मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिनमें एड्स संक्रमित मरीजों को भीड़-भाड़ में जाने से मना कर दिया गया है. साथ ही स्वास्थ विभाग में एड्स मरीजों को मल्टीविटामिन, विटामिन सी और प्रोटीन की दवा अलग से मुहैया कराने का निर्णय लिया है.

4 लाख लोगों का किया एचआईवी टेस्ट
प्रदेश भर में इस साल कोरोना के बावजूद लगभग 4 लाख लोगों के एड्स का टेस्ट किया गया है. जिनमें से 4200 लोगों में एड्स होने की पुष्टि हुई है. कोरोना काल के दौरान यूपी एड्स सोसायटी द्वारा प्रदेश भर में संदिग्ध एचआईवी के मरीजों के सैंपल लिए गए थे. जिनमें यह संक्रमित मरीज सामने आए हैं.

ब्लड टेस्ट होने पर सामने आ रहे एचआईवी मरीज
इस बार ज्यादातर मरीज जब अपना ब्लड डोनेट करने जा रहे हैं तो उस दौरान उनके कुछ प्राथमिक टेस्ट किए जाते हैं. जिनमें एचआईवी टेस्ट भी होता है. संक्रमित आए मरीजों में ज्यादातर मरीजों का टेस्ट ब्लड डोनेशन के दौरान ही हुआ है. जिनमें ब्लड डोनर की टेस्ट रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है. जिसके बाद इन सभी का प्राथमिक इलाज भी शुरू किया गया है.

पिछले साल से कम हुए एचआईवी टेस्ट
कोरोना काल के दौरान इस साल एचआईवी टेस्ट होने की रफ्तार काफी धीमी रही. बीते साल जहां प्रदेश भर में 75 लाख एचआईवी टेस्ट हुए थे. जिनमें 23 लाख लोग एड्स संक्रमित पाए गए तो वहीं इस साल अब तक सिर्फ 4 लाख एड्स के टेस्ट हुए हैं. जिनमें सिर्फ 4200 लोग ही संक्रमित पाए.

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