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मौसम के पूर्वानुमान पर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी ये सलाह - चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय

मौसम विभाग ने यूपी के कुछ जिलों में बरसात होने, ओले पड़ने और आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना जताई है. जिसके बाद कृषि विभाग ने किसानों को मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण सलाह दी है.

मौसम विभाग ने जारी किया बरसात, ओला और आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान.
मौसम विभाग ने जारी किया बरसात, ओला और आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान.
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Published : Feb 5, 2021, 10:18 AM IST

लखनऊ : मौसम विभाग ने 5 से 6 फरवरी के बीच लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी, कन्नौज, आगरा, इटावा, मैनपुरी, हरदोई, हाथरस, एटा, सीतापुर, मथुरा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, कासगंज, उन्नाव जिलों में 2 से, 2.5 मिमी बरसात होने तथा 5-6 फरवरी को इन जिलों में कुछ स्थानों पर ओले पड़ने तथा आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना जताई है. विभाग ने किसानों को पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए 6 फरवरी तक फसलों की सिंचाई न करने की सलाह दी है.

मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र सिंह ने किसानों को कीटनाशकों तथा खरपतवारनासी का छिड़काव न करने की सलाह दी है. डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने बताया कि किसान इस समय अपनी फसलों पर जैविक उत्पाद छिड़क सकते हैं. उन्होंने इसके लिए ट्राइकोडरमा, ब्युबेरिया बैसियाना, न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस तथा बैसिलस थुरीजेनेसिस को प्रयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि किसान इस समय दानेदार उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल न करें, जब मौसम में सुधार हो तभी उर्वरकों का छिड़काव करें.

बख्शी का तालाब नगर पंचायत के भौली गांव के प्रगतिशील किसान सुनील कुमार वर्मा एवं धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हल्की से मध्यम बरसात रबी फसलों के लिए मुफीद साबित हो सकती है. लेकिन ओला वृष्टि सभी प्रमुख रबी फसलों और सब्जियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. बख्शी का तालाब बीज विकास केंद्र के प्रभारी प्रमोद यादव ने बताया कि ओला वृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अधिक से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराना लाभप्रद होगा.

वहीं चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पशुपालन विभाग के सहायक आचार्य सुधीर कुमार रघुवंशी ने पशुपालकों को सलाह दी कि खराम मौसम में गाय, भैंस, भेड़, बकरी को बीमारियों का खतरा रहता है, इसलिए इन्हें बचाकर रखने की जरूरत है. खासकर मुर्गी पालक किसान विशेष ध्यान रखें और बड़े दरबे का प्रयोग करें. साथ ही शुद्ध दानों को चुगने के लिए मुर्गियों को दें. उन्होंने कहा कि पशुशाला में राख छिड़काव करें तथा सूखी बिछावन का प्रयोग करें. वहीं मुर्गीपालक किसान पोल्ट्री घरों में लाइट तथा हीटर की सहायता से चूज़ों और मुर्गियों के लिए अनुकूल तापमान बनाये रखें. साथ ही उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. बल बहादुर सिंह चौहान और डॉ. एलपी यादव ने बताया कि किसान इस समय बोई जाने वाली सब्जी, फसलों की बुवाई न करें घर पर ही उचित ढंग से नर्सरी तैयार कर लें.

लखनऊ : मौसम विभाग ने 5 से 6 फरवरी के बीच लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी, कन्नौज, आगरा, इटावा, मैनपुरी, हरदोई, हाथरस, एटा, सीतापुर, मथुरा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, कासगंज, उन्नाव जिलों में 2 से, 2.5 मिमी बरसात होने तथा 5-6 फरवरी को इन जिलों में कुछ स्थानों पर ओले पड़ने तथा आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना जताई है. विभाग ने किसानों को पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए 6 फरवरी तक फसलों की सिंचाई न करने की सलाह दी है.

मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र सिंह ने किसानों को कीटनाशकों तथा खरपतवारनासी का छिड़काव न करने की सलाह दी है. डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने बताया कि किसान इस समय अपनी फसलों पर जैविक उत्पाद छिड़क सकते हैं. उन्होंने इसके लिए ट्राइकोडरमा, ब्युबेरिया बैसियाना, न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस तथा बैसिलस थुरीजेनेसिस को प्रयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि किसान इस समय दानेदार उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल न करें, जब मौसम में सुधार हो तभी उर्वरकों का छिड़काव करें.

बख्शी का तालाब नगर पंचायत के भौली गांव के प्रगतिशील किसान सुनील कुमार वर्मा एवं धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हल्की से मध्यम बरसात रबी फसलों के लिए मुफीद साबित हो सकती है. लेकिन ओला वृष्टि सभी प्रमुख रबी फसलों और सब्जियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. बख्शी का तालाब बीज विकास केंद्र के प्रभारी प्रमोद यादव ने बताया कि ओला वृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अधिक से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराना लाभप्रद होगा.

वहीं चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पशुपालन विभाग के सहायक आचार्य सुधीर कुमार रघुवंशी ने पशुपालकों को सलाह दी कि खराम मौसम में गाय, भैंस, भेड़, बकरी को बीमारियों का खतरा रहता है, इसलिए इन्हें बचाकर रखने की जरूरत है. खासकर मुर्गी पालक किसान विशेष ध्यान रखें और बड़े दरबे का प्रयोग करें. साथ ही शुद्ध दानों को चुगने के लिए मुर्गियों को दें. उन्होंने कहा कि पशुशाला में राख छिड़काव करें तथा सूखी बिछावन का प्रयोग करें. वहीं मुर्गीपालक किसान पोल्ट्री घरों में लाइट तथा हीटर की सहायता से चूज़ों और मुर्गियों के लिए अनुकूल तापमान बनाये रखें. साथ ही उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. बल बहादुर सिंह चौहान और डॉ. एलपी यादव ने बताया कि किसान इस समय बोई जाने वाली सब्जी, फसलों की बुवाई न करें घर पर ही उचित ढंग से नर्सरी तैयार कर लें.

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