लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों काफी सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. हाल ही में सड़क सुरक्षा की बैठक के दौरान सीएम ने परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी तरह की कोई भी शिकायत मिलती है तो एक्शन होगा. इसके बाद भी आए दिन आरटीओ कार्यालय से आने वाली धांधली की शिकायतों को लेकर अब परिवहन अधिकारी सख्त हो गए हैं. खास तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर अधिकारी ज्यादा सख्त नजर आ रहे हैं.
आरटीओ कार्यालय में सिफारिश के दम पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की ख्वाहिश अब किसी कीमत पर पूरी नहीं हो पाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर परिवहन अधिकारियों को हिदायत दे दी है कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में सख्ती दिखाई जाए. अगर किसी तरह की शिकायत सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाए. अक्सर सड़कों पर देखने में आता है कि जिसे गाड़ी चलानी नहीं आती है उसका भी ड्राइविंग लाइसेंस बना होता है और यही हादसे की वजह बनता है. जब तक टेस्ट में पास न हो जाए तब तक किसी कीमत पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी न होने पाए. मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी भी अब अतिरिक्त सतर्कता बरतने लगे हैं.
लाइसेंस बनवाने में अब किसी तरह की कोई भी सिफारिश नहीं चल पाएगी. हर हाल में रसूखदारों को लर्निंग टेस्ट देना होगा और परमानेंट टेस्ट भी देना होगा. इसके बाद ही लाइसेंस जारी होगा. किसी भी तरह का कोई भी सोर्स अब आरटीओ कार्यालय में काम आने वाला नहीं है, क्योंकि अब अधिकारियों के पास कहने को सीधे तौर पर यही है कि मुख्यमंत्री का आदेश है, सारे काम नियमानुसार ही होंगे.
ऐसे में लखनऊ लाइसेंस बनवाने आने से पहले यातायात नियमों का बारीकी से अध्ययन कर लें. अगर यातायात नियम नहीं पता हैं, तो लर्निंग टेस्ट में फेल होने पर भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की कोई भी मदद नहीं मिल पाएगी. इसके अलावा अगर दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाना नहीं आता है फिर भी सिफारिश या पावर के दम पर लाइसेंस मिल जाने की उम्मीद रखते हैं तो ये उम्मीद पूरी तरह धूमिल हो जाएगी. ऐसे में लाइसेंस पाने की ख्वाहिश अगर रखते हैं तो पहले से ही गाड़ी चलाना सीख लें नहीं तो परमानेंट लाइसेंस के लिए आरटीओ के टेस्टिंग ट्रैक पर अगर फेल हुए तो लाइसेंस किसी कीमत पर जारी नहीं होगा.
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वैसे भी आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस जारी करने में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जाती है. टेस्ट में पास होने के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद अब अगर इस तरह लाइसेंस जारी भी होते होंगे तो किसी कीमत पर अब ऐसा नहीं हो पाएगा.
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