लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब बदमाशों में कोर्ट का भी खौफ नहीं रह गया है. दिल्ली में हुई घटना के बाद सोमवार को शाहजहांपुर में कोर्ट के अंदर अधिवक्ता की हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह की हत्या मामले पर प्रदेश भर में अधिवक्ताओं में आक्रोश देखने को मिला है. इसी क्रम में बुधवार को अधिवक्ताओं ने डीएम आवास के सामने मुख्यमंत्री का पुतला फूंककर अपना आक्रोश जताया है. हजरतगंज इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला की मानें तो अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया है. वकीलों के इस प्रदर्शन को देखते हुए परिवर्तन चौराहे पर पीएसी सुरक्षा के साथ कई थानों की फोर्स को तैनात कर दिया गया है.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच समेत राजधानी की सभी अधीनस्थ अदालतों में बुधवार को न्यायिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ. शाहजहांपुर में एक वकील की अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या किए जाने के विरोध में यूपी बार काउंसिल ने प्रदेश के सभी बार एसोसिएशनों से बुधवार को न्यायिक कार्य के बहिष्कार का आह्वान किया था.
संत कबीर नगर जिले में भी बुधवार को बार काउंसिल के तत्वाधान में शाहजहांपुर में वकील की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के विरोध में वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. उन्होंने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाईस, पीड़ित परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की. मांगे पूरी ना होने पर अधिवक्ताओं ने वृहद आंदोलन करने की चेतावनी दी.
प्रयागराज में भी शाहजहांपुर की घटना से नाराज बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने बुधवार को न्यायिक कार्य नहीं किया. बार काउंसिल ऑफ यूपी ने प्रदेशभर से जिला न्यायालयों अधिवक्ताओं से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने कहा कि बुधवार 20 अक्टूबर को प्रदेशभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे. उन्होंने सरकार से मृतक अधिवक्ता के परिवार को एक सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है, साथ ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग की है.
बहराइच में बुधवार को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर बार काउंसिल ऑफ बहराइच के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में लगातार अधिवक्ताओं के ऊपर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं ऐसे में उनपर विराम लगाया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था चरमरा रही है. कानून की रक्षा करने वाले अधिवक्ताओं की निश्चित हत्या हो रही है प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले आगामी चुनाव में हर गांव में अधिवक्ता चुनाव को प्रभावित करेगा और इसका दुखद परिणाम सत्ता पक्ष को झेलना पड़ेगा.
उन्नाव में शाहजहांपुर जैसी कोई ऐसी घटना न हो इसको लेकर बुधवार को उन्नाव जिला अधिकारी रवींद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने जिला एवं सत्र के प्रांगण में जाकर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए जिला अध्यक्ष समेत अन्य जजों से इस पर बात की. न्यायालय के निरीक्षण के बाद उन्नाव जिला अधिकारी रविंद्र कुमार ने मीडिया से बात करते कहा कि उन्होंने उन्नाव बार एसोसिएशन अध्यक्ष के साथ जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रांगण का निरीक्षण किया है एवं सुरक्षा व्यवस्था की जांच की है. साथ ही हम लोगों ने सुनिश्चित किया है कि न्यायालय के अंदर जो भी प्रवेश करेगा उसे बिना जांच के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा साथ ही न्यायालय में सीसीटीवी लगे हैं, उसके बावजूद एंट्री गेट पर सीसीटीवी की व्यवस्था और सुदृण कराई जाएगी.
शाहजहांपुर में 2 दिन पहले कोर्ट परिसर में वकील की गोली मारकर हत्या के मामले में जिले में बुधवार को वकीलों ने धरना प्रदर्शन किया. यूपी बार काउंसिल के आह्वान पर पूरे प्रदेश में वकीलों ने हड़ताल की और धरना प्रदर्शन किया. शाहजहांपुर में वकीलों ने धरना प्रदर्शन करके मृतक वकील के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और नौकरी देने की मांग की. धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों का कहना है कि कोर्ट परिसर में वकील सुरक्षित नहीं है लिहाजा, वकीलों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. इसके अलावा कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए.
बता दें कि सोमवार की दोपहर शाहजहांपुर में कोर्ट की दूसरी मंजिल के रिकार्ड रूम में भूपेंद्र सिंह नामक अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद ही दूसरे अधिवक्ता सुरेश चंद्र गुप्ता ने हत्या की घटना करवाने की बात कहकर खुद को सरेंडर किया था. जिसमें आरोपी सुरेश ने कहा था कि मृतक भूपेंद्र ने उसके ऊपर आये दिन झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं. इसी बात से आहत होकर सुरेश ने इस हत्या को अंजाम दिया है. पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. लेकिन साक्ष्यों का कहना था घटना को अंजाम देने वाले लोग युवा थे. उन हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश भर के अधिवक्ताओं में आक्रोश है.