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हरी सब्जियों के साथ साथ प्याज ने भी पकड़ी राफ्तार, जानें आज के भाव

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Published : Nov 11, 2022, 6:44 AM IST

हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ने से थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैं. वहीं अब प्याज (Onion) ने भी रुलाना शुरू कर दिया है. सब्जियों की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. वहीं अब प्याज के दामों में अचानक से बढ़ोतरी होने से रसोई का बजट और बढ़ गया है. अभीतक 20-25 रु प्रति किलोग्राम बिकने वाला प्याज अब 35-40 रुपये में पहुंच गया है.

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लखनऊ : हरी सब्जियों की कीमतें (green vegetables prices) बढ़ने से थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैं. वहीं अब प्याज ने भी रुलाना शुरू कर दिया है. सब्जियों की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. वहीं अब प्याज के दामों में अचानक से बढ़ोतरी होने से रसोई का बजट और बढ़ गया है. अभीतक 20-25 रु प्रति किलोग्राम बिकने वाला प्याज अब 35-40 रुपये में पहुंच गया है.

व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसल बर्बाद (vegetable crop wasted) हुई है. इसलिए सब्जियों की पैदावार (production of vegetables) कम हो गया है. यही कारण है कि प्रदेश में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं प्रदेश के बाहर से सब्जियां आयात करने (importing vegetables from outside the state) पर काफी लागत आ रही है. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं.

शुक्रवार (11 नवंबर) को मंडी में (State Mandis) में आलू रु 25 किलो, प्याज रु 35 किलो, टमाटर रु 80 किलो, नीबू रु80 किलो, करेला रु50 किलो, लौकी रु30 किलो, भिंडी रु50 किलो, कद्दू रु25 किलो, लहसुन रु60 किलो, तरोई रु40 किलो, पालक रु40 किलो, हरी मटर रु150 किलो, मिर्च रु80 किलो, गोभी 30 रु/पीस, गाजर रु80 किलो, परवल रु80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 100 किलो बिका. व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई थीं. फिलहाल अभी सब्जियों के दाम में कोई गिरावट नहीं होने वाली है.

यह भी पढ़ें : होटल लेवाना अग्निकांड, हाईकोर्ट ने कहा, सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करे कमेटी

लखनऊ : हरी सब्जियों की कीमतें (green vegetables prices) बढ़ने से थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैं. वहीं अब प्याज ने भी रुलाना शुरू कर दिया है. सब्जियों की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. वहीं अब प्याज के दामों में अचानक से बढ़ोतरी होने से रसोई का बजट और बढ़ गया है. अभीतक 20-25 रु प्रति किलोग्राम बिकने वाला प्याज अब 35-40 रुपये में पहुंच गया है.

व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसल बर्बाद (vegetable crop wasted) हुई है. इसलिए सब्जियों की पैदावार (production of vegetables) कम हो गया है. यही कारण है कि प्रदेश में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं प्रदेश के बाहर से सब्जियां आयात करने (importing vegetables from outside the state) पर काफी लागत आ रही है. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं.

शुक्रवार (11 नवंबर) को मंडी में (State Mandis) में आलू रु 25 किलो, प्याज रु 35 किलो, टमाटर रु 80 किलो, नीबू रु80 किलो, करेला रु50 किलो, लौकी रु30 किलो, भिंडी रु50 किलो, कद्दू रु25 किलो, लहसुन रु60 किलो, तरोई रु40 किलो, पालक रु40 किलो, हरी मटर रु150 किलो, मिर्च रु80 किलो, गोभी 30 रु/पीस, गाजर रु80 किलो, परवल रु80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 100 किलो बिका. व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई थीं. फिलहाल अभी सब्जियों के दाम में कोई गिरावट नहीं होने वाली है.

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