लखनऊ : राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड करने के मामले के बाद शनिवार को परिजनों ने करीब एक घंटे तक शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद दिलकुशा गार्डन के पास शव रखकर बंदरियाबाग चौकी प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. मौके पर पहुंची एडीसीपी मनीषा सिंह ने परिजनों को आश्वासन देकर शांत कराया. बता दें कि ससुरालवालों की प्रताड़ना से परेशान होकर सपना यादव ने आत्महत्या की थी.
परिजनों ने लगाए थे यह आरोप : पुलिस के मुताबिक, विनोद यादव, पत्नी अनीता यादव, बेटी सपना यादव, खुशी यादव और बेटे आकाश यादव के साथ पिपराघाट, थाना गौतम पल्ली लखनऊ में रहते हैं. विनोद यादव ने अपनी बेटी सपना का विवाह 18 महीने पहले पीजीआई लखनऊ के रहने वाले आशीष यादव से बड़ी धूमधाम से किया था. परिजनों का आरोप है कि विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोगों ने दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था, जिसके चलते गौतमपल्ली कोतवाली पुलिस और पीजीआई पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई थी.
यह था मामला : परिजनों के मुताबिक, आशीष यादव लुलु मॉल में काम करता है. पिछले कुछ दिनों से किराए पर सेक्टर 12, बरौली खलीलाबाद में पत्नी के साथ रह रहा था. लड़ाई झगड़े के बाद सपना दो दिन से मायके में थी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार करीब एक बजे वह अस्पताल ड्यूटी जाने के लिए अपनी स्कूटी से निकली थी. जब काफी देर तक फोन नहीं आया तो भाई आकाश ने सपना को फोन किया तो जवाब नहीं मिला. अस्पताल फोन किया तो जवाब मिला कि वह ड्यूटी पर नहीं है. आकाश ने अपने दोस्त तेलीबाग निवासी अनुज को फोन किया और बरौली खलीलाबाद जाकर देखने को कहा. करीब पौने तीन बजे अनुज पहुंचा. थोड़ी देर में आकाश भी पहुंच गया. दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला. आकाश ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो सपना ने सुसाइड कर लिया था. मृतका के भाई आकाश ने पति आशीष यादव, ससुर रविदेव सिंह, सास मालती देवी, जेठ अभिषेक यादव, जेठानी किरण यादव समेत अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
इंस्पेक्टर पीजीआई राणा राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 'मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. आरोपियों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.'