लखनऊ : सिविल कोर्ट परिसर में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में एक अधिवक्ता की 19 मार्च को मृत्यु हो गई थी. इस घटना से नाराज हजारों अधिवक्ता शनिवार को पूरा दिन आंदोलित रहे. अधिवक्ताओं के आन्दोलन से न्यायिक कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहा. अधिवक्ताओं ने मांग की है कि सिविल कोर्ट परिसर में तत्काल डिस्पेंसरी खोली जाए व एक एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए.
कोर्ट में बहस के दौरान बेहोश होकर गिर गए थे अधिवक्ता
सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पांडेय ने बताया कि बार ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि मृतक अधिवक्ता विजय कुमार सिंह के परिजनों को 25 लाख रुपये व सरकारी नौकरी दिलाई जाए, ताकि मृतक की बूढ़ी मां, पत्नी व बच्चों को कुछ सहारा मिल सके.
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दरअसल, 19 मार्च को अधिवक्ता विजय कुमार सिंह एनआई एक्ट के एक मुकदमे पर अदालत में बहस कर रहे थे कि अचानक उनको चक्कर आ गया और वह गिर गए. ऐसा कहा जा रहा है कि सिविल कोर्ट परिसर के चारों ओर जाम लगा होने के कारण अधिवक्ता को उचित समय पर इलाज नहीं मिल पाया और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई. घटना से क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने शनिवार को न्यायिक कामकाज का बहिष्कार किया और मृतक को भावभनी श्रद्धाजंलि दी.