लखनऊ: अवध बार एसोसिएशन के तत्वावधान में अधिवक्ताओं द्वारा शुक्रवार शाम को पुराने हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन से कैंडल मार्च का आयोजन किया गया. कैंडल मार्च हजरतगंज होते हुए जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर समाप्त हुई. उक्त कैंडल मार्च में सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया है. उसमें मुख्य भूमिका में राकेश चौधरी पूर्व अपर महाधिवक्ता जो इस समय अवध बार के होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी भी है. उनके साथ ही अध्यक्ष परिहार व महासचिव पाठक की रही है.
अधिवक्ताओं ने अपनी पुरानी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर अधिवक्ताओं ने अपनी पुरानी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. निश्चित रुप से अधिवक्ताओं का यह गुस्सा सरकार के खिलाफ था. विदित हो इसके पूर्व उच्च न्यायालय लखनऊ के अधिवक्ताओं ने 12 दिन तक अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल एवं आंदोलन किया था. मुख्य मांगों में GST ट्रिब्युनल, कंपनी ला ट्रिब्युनल और एजुकेशन ट्रिब्युनल की लखनऊ में स्थापना एवं लखनऊ उच्च न्यायालय में क्षेत्राधिकार का बढ़ाया जाना था. अधिवक्ताओं की मांग थी कि उच्च न्यायालय का इतना बड़ा भवन आधे से ज्यादा खाली पड़ा है और दूर-दूर ज़िलों के वादकारियों को इलाहाबाद जाना पड़ता है. जबकि अगर उन जिलों को लखनऊ में जोड़ दिया जाए, तो सरकार की सस्ता एवं सुलभ न्याय की परिकल्पना भी साकार हो जाएगी.
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राकेश चौधरी एवं परिहार ने अपने वक्तव्य में यह कहा कि यदि सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो हमारा अगला कदम विधानसभा का घेराव होगा. राकेश चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए यह कहा कि सरकार को यह लड़ाई बहुत महंगी पड़ेगी, क्योंकि अधिवक्ताओं का विरोध करके कोई भी सरकार नहीं चल सकती. मौसम खराब होने के बावजूद भी अधिवक्ताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं थी. सरकार ने अधिवक्ताओं के इस कैंडल मार्च को मद्देनज़र रखते हुए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए थे और भारी संख्या में जगह जगह पुलिस बल तैनात था.