लखनऊ: सीएए हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने शहर भर में आरोपियों के होर्डिंग्स लगवाए थे. मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. वहीं सरकार के इस कदम को वरिष्ठ अधिवक्ता और कानून के जानकार जफरयाब जिलानी ने हठधर्मिता करार दिया है.
जफरयाब जिलानी ने मामले पर कहा कि हर किसी का अधिकार होता है कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है, लेकिन योगी सरकार का यह कदम हठधर्मिता को दर्शाता है. एक तरह से योगी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना अच्छा है, क्योंकि हाईकोर्ट का जजमेंट सिर्फ उत्तर प्रदेश तक था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट पूरे देश के लिए हो जाएगा.
जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर हाईकोर्ट के फैसले पर ही गौर करेगा. इसकी वजह है कि जब हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल और सरकारी वकीलों से पूछा कि क्या कोई कानून ऐसा है, जिसके तहत आरोपियों की फोटो चौक-चौराहों पर लगाई जाए. उस समय कोई भी जवाब नहीं दे सका. ज्यूडिशियरी को यह अधिकार है कि किसी भगोड़े या फरार अपराधी के खिलाफ इस तरह का कदम उठाए, लेकिन होर्डिंग्स मामले के लोग सिर्फ आरोपी हैं. होर्डिंग्स में जिनके भी फोटो लगे थे, सभी को कोर्ट बेल दे चुका है.
मामले पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर लग जाएगी तो अच्छा होगा, लेकिन योगी सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाना सिर्फ उनकी हठधर्मिता को दर्शाता है. जब हाईकोर्ट में कोई कानून नहीं दिखा सके तो सुप्रीम कोर्ट चले गए.
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