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लखनऊ: एक अधिवक्ता जो कैनवास पर उकेरती हैं अपनी कला

हाईकोर्ट में वकील आसमा मूल रूप से महिलाओं के लिए काम करती हैं. वह ज्यादातर प्रकृति के रंगों को कैनवास पर उकेरती हैं या फिर अपने आस-पास रहने वाले लोगों को देखकर उनसे प्रेरणा लेती हैं और उन्हीं की आकृति बना देती हैं

सामाजिक कार्यकर्ता आसमां इज्जत से बात करती संवाददाता रामांशी मिश्रा
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Published : Mar 2, 2019, 11:58 PM IST

लखनऊ: प्रकृति के कई ऐसे रंग होते हैं, जिनको हम ताउम्र देखना चाहते हैं. अगर वह खूबसूरत रंग किसी पेंटिंग में देखने को मिलते हैं तो उससे कहीं ज्यादा उसे बनाने वाले की खूबसूरती याद रहती है. आसमाएक ऐसा नाम हैं, जो प्रकृति को एक कैनवास में उतारने का हुनर रखती हैं.

हाईकोर्ट में वकील आसमा मूल रूप से महिलाओं के लिए काम करती हैं, लेकिन इन सब से अलग वह बताती हैं कि मैं ऐसे प्रोफेशन में हूं, जहां पर काम से ज्यादा आपको तनाव रहता है. वह बताती हैं कि हमेशा से ही रंगों को कैनवास पर उतारने का शौक मुझे था. मेरा यह शौक ही मेरे हर तरह के तनाव को दूर कर देता है.

इनकी पेंटिंग में दिखता है प्रकृति का अंश, जानिए क्या है खास बात

आसमा ज्यादातर प्रकृति के रंगों को कैनवास पर उकेरती हैं या फिर अपने आस-पास रहने वाले लोगों को देखकर उनसे प्रेरणा लेती हैं. उन्हीं की आकृति बना देती हैं. उनका कहना है कि काम से लौटने के बाद मैं कैनवास में कुछ न कुछ रंग उतारती हूं और कभी-कभी तो मैं रातभर पेंटिंग करती हूं और समय का पता ही नहीं चलता.

अपनी पेंटिंग को एक अलग पहचान देने का भी आसमा का अलग अंदाज है. आसमा पीहर पेंटिंग में अपने पति से जुड़ी हुई कोई न कोई शायरी लिखती हैं. यह शायरी उर्दू में होती है, जिसके अपने मायने होते हैं.

लखनऊ: प्रकृति के कई ऐसे रंग होते हैं, जिनको हम ताउम्र देखना चाहते हैं. अगर वह खूबसूरत रंग किसी पेंटिंग में देखने को मिलते हैं तो उससे कहीं ज्यादा उसे बनाने वाले की खूबसूरती याद रहती है. आसमाएक ऐसा नाम हैं, जो प्रकृति को एक कैनवास में उतारने का हुनर रखती हैं.

हाईकोर्ट में वकील आसमा मूल रूप से महिलाओं के लिए काम करती हैं, लेकिन इन सब से अलग वह बताती हैं कि मैं ऐसे प्रोफेशन में हूं, जहां पर काम से ज्यादा आपको तनाव रहता है. वह बताती हैं कि हमेशा से ही रंगों को कैनवास पर उतारने का शौक मुझे था. मेरा यह शौक ही मेरे हर तरह के तनाव को दूर कर देता है.

इनकी पेंटिंग में दिखता है प्रकृति का अंश, जानिए क्या है खास बात

आसमा ज्यादातर प्रकृति के रंगों को कैनवास पर उकेरती हैं या फिर अपने आस-पास रहने वाले लोगों को देखकर उनसे प्रेरणा लेती हैं. उन्हीं की आकृति बना देती हैं. उनका कहना है कि काम से लौटने के बाद मैं कैनवास में कुछ न कुछ रंग उतारती हूं और कभी-कभी तो मैं रातभर पेंटिंग करती हूं और समय का पता ही नहीं चलता.

अपनी पेंटिंग को एक अलग पहचान देने का भी आसमा का अलग अंदाज है. आसमा पीहर पेंटिंग में अपने पति से जुड़ी हुई कोई न कोई शायरी लिखती हैं. यह शायरी उर्दू में होती है, जिसके अपने मायने होते हैं.

Intro:लखनऊ। प्रकृति के कई ऐसे रंग होते हैं जिनको हम ताउम्र देखना चाहते हैं और अगर वह रंग किसी पेंटिंग देखने में खूबसूरत होते हैं उससे कहीं ज्यादा उसे बनाने वाली की खूबसूरती याद रहती है। अपने काम से वकील और जुनून से पेंटिंग का शौक रखने वाली एक अधिवक्ता आसमा इज्जत एक ऐसा नाम है जो प्रकृति को एक कैनवस में उतारने का हुनर रखती है।


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हाई कोर्ट में वकील आसमां मूल रूप से महिलाओं के लिए काम करती हैं और उनके हर संभव कोशिश भी करते हैं लेकिन इन सब से परे वह बताती हैं कि मैं कैसे प्रोफेशन में हूं जहां पर काम से ज्यादा आपको तनाव रहता है हमेशा से ही रंगो को कैनवस पर उतारने का शौक मुझे था और मेरा यह शौक ही मेरे हर तरह के तनाव को दूर कर देता है आसमा ज्यादातर प्रकृति के रंगो को कैनवस पर उकेरती हैं या फिर अपने आसपास रहने वाले लोगों को देखकर उनसे प्रेरणा लेती हैं और उन्हीं की कृति बना देती हैं। वो कहती है कान से लौटने के बाद मैं कैनवस में कुछ ना कुछ रंग उतारती हूं और कभी कभी तो मैं रात भर पेंटिंग करती हूं और समय का पता ही नहीं चलता।

अपनी पेंटिंग को एक अलग पहचान देने का भी आसमा का अलग अंदाज है। आसमा पीहर पेंटिंग में अपने पति से जुड़ी हुई कोई ना कोई शायरी लिखते हैं यह शायरी उर्दू में होती है जिसका अपना मायना होता है अपनी पेंटिंग को दिखाते हुए आसमां ने एक शायरी पढ़कर भी सुनाई।


Conclusion:बाइट- आसमा इज्जत

रामांशी मिश्रा
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