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पशुपालन घोटालाः अभियुक्त उमेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

पशुपालन घोटाला मामले में अभियुक्त उमेश कुमार मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है. न्यायालय ने उसे गुरुवार तक निचली अदालत के सामने सरेंडर कर नियमित जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

पशुपालन घोटाला मामला
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Published : Mar 24, 2021, 7:44 PM IST

लखनऊः पशुपालन घोटाला मामले में अभियुक्त उमेश कुमार मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी. कोर्ट ने उसे गुरुवार तक कोर्ट के सामने सरेंडर कर नियमित जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

पशुपालन घोटाला मामला

ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त उमेश कुमार मिश्रा की याचिका पर दिया. याची की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुये राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह की दलील थी कि अभियुक्त की इस मामले में अहम भूमिका थी. वे सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात था. उसने अपनी बेटी के बैंक खाते में मामले से संबंधित रकम भी मंगाई थी. अभियुक्त आशीष राय से वर्तमान अभियुक्त की घोटाले के संबंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी होने की बात कही गई. ये भी कहा गया कि अभियुक्त के खिलाफ फरारी की उद्घोषणा भी हो चुकी है. लिहाजा अभियुक्त को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. वहीं न्यायालय ने भी पाया कि मामले के दूसरे अभियुक्तों की नियमित जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं. इसके साथ ही याची नमक घोटाले में भी अभियुक्त है. न्यायालय ने इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है.

लखनऊः पशुपालन घोटाला मामले में अभियुक्त उमेश कुमार मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी. कोर्ट ने उसे गुरुवार तक कोर्ट के सामने सरेंडर कर नियमित जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.

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ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त उमेश कुमार मिश्रा की याचिका पर दिया. याची की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुये राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह की दलील थी कि अभियुक्त की इस मामले में अहम भूमिका थी. वे सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात था. उसने अपनी बेटी के बैंक खाते में मामले से संबंधित रकम भी मंगाई थी. अभियुक्त आशीष राय से वर्तमान अभियुक्त की घोटाले के संबंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी होने की बात कही गई. ये भी कहा गया कि अभियुक्त के खिलाफ फरारी की उद्घोषणा भी हो चुकी है. लिहाजा अभियुक्त को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. वहीं न्यायालय ने भी पाया कि मामले के दूसरे अभियुक्तों की नियमित जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं. इसके साथ ही याची नमक घोटाले में भी अभियुक्त है. न्यायालय ने इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है.

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