लखनऊ : केजीएमयू में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत रिकेश अपने को केजीएमयू का अधिकारी बताकर नर्सिंग में एड्मिशन दिलाने के नाम पर छात्र से लाखों रुपये ऐंठ लिए. आरोप को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी बीते दो साल से फरार चल रहा था. मानकनगर निवासी एक युवक ने रिकेश नाम पर नर्सिंग में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी का मुक़दमा दर्ज कराया था. राजधानी लखनऊ में नर्सिंग में प्रवेश दिलाने के नाम पर केजीएमयू में सफाईकर्मी खुद को अधिकारी बताकर छात्र से लाखों रुपये हड़प लिए और एडमिशन कि फर्जी रसीदें भी थमा दी थीं.
पुलिस के मुताबिक मानकनगर के धौंधाखेड़ा निवासी बुद्धिराम चौधरी ने दो वर्ष पहले मुकदमा दर्ज कराया था कि उसके भांजे अभिनव चौधरी ने केजीएमयू में बीएससी नर्सिंग कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन किया था. परीक्षा में वह पास भी हो गया था. प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में रिकेश नाम के युवक से हुई थी. जिसने अपना परिचय विश्वविद्यालय के अधिकारी के रूप में देते हुए एडिमिशन करवाने का भरोसा दिलाकर 1 लाख 80 हजार रुपये ले लिए रुपये ले लिए और एडमिशन की रसीदें भी दीं. बाद में पता चला कि अभिनव का तो प्रवेश ही नहीं हुआ है और रिकेश अधिकारी न होकर सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत है. इसके बाद रिकेश के खिलाफ चौक कोतवाली में पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया. पकड़े जाने के डर से रिकेश लखनऊ में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था.
इंस्पेक्टर चौक प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि ठाकुरगंज के आम्रपाली आवास योजना निवासी रितेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. रिकेश केजीएमयू के प्रवेश दिलाने के नाम पर छात्रो से ठगी करता था. आरोपी ने खुद को अधिकारी बता कर रुपये वसूले थे, जबकि वह सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत था. वह करीब दो वर्ष से फरार चल रहा था. पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है. उसके बारे में लखनऊ के अन्य थानों से जानकारी जुटाई जा रही है.