लखनऊः अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर खास निगरानी रखे हुए है. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और सांप्रदायिक पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी कर रखी है. सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने खास प्लान बना रखा है. वहीं जिले स्तर पर बनाई गई साइबर सेल की टीम को भी सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और ऐसे लोगों को चिह्नित करने के लिए तैनात किया गया है, जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट या सांप्रदायिक पोस्ट करते हैं.
सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन की नजर
9 नवंबर को अयोध्या भूमि विवाद पर आने वाले फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन सख्त हो गया. फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस ने टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर नजर रखी है. साथ ही आपत्तिजनक पोस्ट करके पोस्ट को डीलीट करने के बाद भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं वाट्सऐप पर आपत्तिजनक और सांप्रदायिक पोस्ट करने वालों के ऊपर निगरानी रखी जा रही है और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं वाट्सऐप ग्रुप संचालित करने वालों को भी जिम्मेदार माना जाएगा, क्योंकि अगर वाट्सऐप ग्रुप में किसी ने आपत्तिजनक और सांप्रदायिक पोस्ट किया तो उसके साथ-साथ ग्रुप संचालित करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी ओपी सिंह ने की अपील
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने आमजन से अपील की है कि वह अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करें. इस दौरान सोशल मीडिया पर किसी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट न करें और न ही इस तरह की पोस्ट को शेयर करें.
डीजीपी ने कहा कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए लोगों को सहयोग करना चाहिए और अगर इस दौरान कोई सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करता है या कोई ऐसा काम करता है, जिससे समाज को नुकसान हो सकता है तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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