लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अभी 14 के बाद खोलना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से तबलीगी जमातियों की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है, उससे साफ है कि समस्या पर पूरा नियंत्रण नहीं हो पाया है. अवनीश अवस्थी ने कहा कि यदि एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिल रहा है तो लॉकडाउन खोलना संभव नहीं है.
हो सकता है कि देश में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन समाप्त कर दिया जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसके जारी रहने की पूरी संभावना बताई जा रही है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने सोमवार को लोकभवन में प्रेस वार्ता के दौरान साफ किया कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से अभी यह कहना मुश्किल है कि 14 को लॉकडाउन समाप्त कर दिया जाएगा. जिस प्रकार से तबलीगी जमात के लोगों की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है, उससे साफ है कि स्थिति अभी सामान्य नहीं हो पाई है. प्रदेश में एक भी कोरोना का मरीज मिलने की स्थिति में लॉकडाउन समाप्त नहीं किया जा सकता है.
जमातियों ने बढ़ाई समस्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश दिए थे कि यदि 15 को लॉकडाउन समाप्त किया जाता है तो उसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली जाएं. इसके बाद यह माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन तय समय पर ही समाप्त कर दिया जाएगा. इसको लेकर खबरें भी चली थीं, लेकिन इस पर सोमवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने साफ किया कि तबलीगी जमात के लोगों ने ऐसी समस्या बढ़ाई है, जिससे अभी यह कह पाना मुश्किल है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खोल दिया जाएगा.
सीएम की अपील का दिख रहा असर
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 305 कोरोना के पॉजिटिव केस पाए गए हैं. इनमें 159 पॉजिटिव केस जमात के लोगों से जुड़े हुए हैं. सोमवार को 27 केस सामने आए हैं, जिनमें से 21 तबलीगी जमात के हैं. इस प्रकार यूपी में कुल केस में आधे से ज्यादा केस तबलीगी जमात के लोगों से जुड़े हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सभी धर्मगुरुओं से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए अपील की है, जिसका असर सकारात्मक दिखाई दे रहा है.
अवनीश अवस्थी ने बताया कि 14 अन्य मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग नहीं हो पा रही है. वहां जल्द ही जांच की व्यवस्था शुरू करा दी जाएगी. जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां जिला अस्पतालों में सैंपल कलेक्शन की सुविधा शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं.