लखनऊ : गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में तेजी लाने और निर्माण के लिए एजेंसी के चयन को लेकर शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने की. उन्होंने बैठक में बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के पीपीपी मॉडल के जरिए निर्माण के लिए निर्माणकर्ता एजेंसियों के चयन के लिए आरएफपी व आरएफक्यू का ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट यूपीडा द्वारा तैयार कर लिया गया है और इसे जल्द ही शासन को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा.
अपर मुख्य सचिव व यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज तक बनाया जाएगा. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि यूपीडा गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के शुरुआती दौर का कार्य शीघ्र पूरा करके एक्सप्रेस-वे से संबंधित भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लगातार जारी है.
सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह प्रोजेक्ट मेरठ से शुरू होकर 12 जिले होते हुए आगरा तक आएगा, जिसकी लंबाई 594 किलोमीटर की है. इसके निर्माण को लेकर लगातार उच्च स्तरीय बैठक हो रही हैं, जिससे समय रहते इसका काम पूरा हो. भाजपा सरकार की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले इसका निर्माण पूरा करा लिया जाय ताकि चुनाव में इसका लाभ लिया जा सके.
भूमि अधिग्रहण का काम जारी
उल्लेखनीय है कि गंगा एक्सप्रेस-वे की भूमि अधिग्रहण का काम इसी माह जनवरी में शुरू हुआ है. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में 12 पैकेज बनाए गए हैं. प्रत्येक पैकेज की लंबाई 50 किलोमीटर है. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का शिलान्यास जून 2021 में कराया जाना प्रस्तावित है. वहीं इस गंगा एक्सप्रेस-वे के विस्तार और मेरठ से हरिद्वार तक जोड़ने के बाद प्रयागराज से वाराणसी तक विस्तार को लेकर एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.