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जाली नोट छापने वाला शातिर अपराधी गिरफ्तार, लंबे समय से था फरार

जनपद में जाली नोट छापने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की छापेमारी के दौरान आरोपी फरहान फरार हो गया था.

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अपराधी हुआ गिरफ्तार
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Published : Apr 1, 2022, 7:28 AM IST

लखनऊ: तालकटोरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी लगातार जाली नोट छाप रहा था. वहीं, मुखबिर की सूचना पर फरहान खान को पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस ने बताया कि जेल में बंद सीरियल किलर सलीम के इशारों पर नकली नोट छापे जा रहे थे. इन नोटों की बिक्री से मिलने वाली रकम में सलीम का भी हिस्सा होता था. मामले में फरहान खान लंबे समय से फरार था.


तालकटोरा थाना पुलिस ने 11 जनवरी को आलमनगर पुल के पास से कई लोगों को गिरफ्तार किया था. यह सभी पकड़े गए अपराधी 500 से लेकर 50 रुपये तक के जाली नोट छापने का काम करते थे. पूछताछ में आरोपियों के गिरोह का खुलासा हो गया. गिरोह में सीतापुर कजियारा चौराहा निवासी फरहान खान भी शामिल था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने फरहान को दबोच लिया.


11 जनवरी को पुलिस की छापेमारी के दौरान फरहान फरार हो गया था. उसके बाद वह बिहार में लंबे समय से पहचान छिपा कर रह रहा था. लेकिन फरहान के पास रुपये खत्म होने के वजह से उसे लखनऊ आना पड़ा. फरहान ने बताया कि वह तिहाड़ जेल में बंद सलीम और उसके साथियों के गैंग के लिए फिरौती, लूट और वसूली करता था. नकली नोट छापने के लिए इन लोगों ने एक कमरा किराये पर ले रखा था.



एडीसीपी पश्चिमी सीएन सिंहा ने बताया कि आरोपी असली नोट को स्कैन कर उसकी कॉपी तैयार करते थे. नोट को स्कैन कर उसकी कॉपी प्रिंट की जाती थी. जाली नोट बनाने के लिए आरोपी ए4 साइज पेपर ही प्रयोग करते थे. नोट में सुरक्षा धागे की जगह ग्रीन ग्लिटर टेप का प्रयोग किया जाता था. इस तरह जाली नोटों की खेप तैयार की जाती थी. इस गैंग में जीआरपी सिपाही राहुल भी शामिल था.


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लखनऊ: तालकटोरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी लगातार जाली नोट छाप रहा था. वहीं, मुखबिर की सूचना पर फरहान खान को पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस ने बताया कि जेल में बंद सीरियल किलर सलीम के इशारों पर नकली नोट छापे जा रहे थे. इन नोटों की बिक्री से मिलने वाली रकम में सलीम का भी हिस्सा होता था. मामले में फरहान खान लंबे समय से फरार था.


तालकटोरा थाना पुलिस ने 11 जनवरी को आलमनगर पुल के पास से कई लोगों को गिरफ्तार किया था. यह सभी पकड़े गए अपराधी 500 से लेकर 50 रुपये तक के जाली नोट छापने का काम करते थे. पूछताछ में आरोपियों के गिरोह का खुलासा हो गया. गिरोह में सीतापुर कजियारा चौराहा निवासी फरहान खान भी शामिल था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने फरहान को दबोच लिया.


11 जनवरी को पुलिस की छापेमारी के दौरान फरहान फरार हो गया था. उसके बाद वह बिहार में लंबे समय से पहचान छिपा कर रह रहा था. लेकिन फरहान के पास रुपये खत्म होने के वजह से उसे लखनऊ आना पड़ा. फरहान ने बताया कि वह तिहाड़ जेल में बंद सलीम और उसके साथियों के गैंग के लिए फिरौती, लूट और वसूली करता था. नकली नोट छापने के लिए इन लोगों ने एक कमरा किराये पर ले रखा था.



एडीसीपी पश्चिमी सीएन सिंहा ने बताया कि आरोपी असली नोट को स्कैन कर उसकी कॉपी तैयार करते थे. नोट को स्कैन कर उसकी कॉपी प्रिंट की जाती थी. जाली नोट बनाने के लिए आरोपी ए4 साइज पेपर ही प्रयोग करते थे. नोट में सुरक्षा धागे की जगह ग्रीन ग्लिटर टेप का प्रयोग किया जाता था. इस तरह जाली नोटों की खेप तैयार की जाती थी. इस गैंग में जीआरपी सिपाही राहुल भी शामिल था.


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