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एक्ट्रेस में काबिलियत है तो नहीं होंगी कास्टिंग काउच का शिकार- स्मिता सिंह

अगर काबिलियत है तो कोई भी डायरेक्टर किसी भी अभिनेत्री के साथ कास्टिंग काउच नहीं कर सकता है. लेकिन टैलेंट होना चाहिए. ये बाते छोटे पर्दे की मशहूर अदाकारा स्मिता सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं.

ईटीवी भारत पर एक्ट्रेस स्मिता सिंह एक्सक्लूसिव
ईटीवी भारत पर एक्ट्रेस स्मिता सिंह एक्सक्लूसिव
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Published : Jul 21, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 8:03 PM IST

लखनऊः मशहूर अदाकारा स्मिता सिंह ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर काबिलियत है तो कोई भी डायरेक्टर किसी भी अभिनेत्री के साथ कास्टिंग काउच नहीं कर सकता है. बशर्ते टैलेंट होना चाहिए. टेलीविजन अभिनेत्री स्मिता सिंह ने 'थपकी प्यार की', 'कहानी घर घर की' और 'वो रहने वाली महलों की' जैसे धारावाहिकों में काम की हैं.

13 धारावाहिकों में कर चुकी हैं काम

इसके अलावा उन्होंने 'माई फ्रेंड गणेशा' फिल्म में शानदार अभिनय किया है. अभिनेत्री बताती है कि बचपन से ही उन्हें एक्ट्रेस बनना था. इंडस्ट्री में उन्हें आए हुए 20 साल से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होने अब तक करीब 13 धारावाहिकों में काम किया है.

ईटीवी भारत पर अभिनेत्री स्मिता सिंह एक्सक्लूसिव

फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं है फैमिली

एक्ट्रेस स्मिता सिंह के मुताबिक पारिवारिक बैकग्राउंड से कोई भी इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ नहीं था. पिता डॉक्टर थे और दादा जी आईएएस अफसर थे. फैमिली का बैकग्राउंड फिल्मी दुनिया से जुड़ा नहीं था.

अभिनेत्री बताती है कि बचपन से ही दिमाग में एक्टिंग का कीड़ा था. पढ़ाई लिखाई में तेज थीं. लेकिन आगे पढ़ाई करने में दिल नहीं लग रहा था. इसलिए घर वालों से बातचीत करके मुंबई के लिए निकल गए. मुंबई में बुआ के घर रही. वहीं पर मुझे पहली बार 'क्योंकि सास भी बहू थी' धारावाहिक में 14 साल की बच्ची का रोल मिला था.

दादी ने हमेशा किया सपोर्ट

स्मिता बताती हैं कि परिवार में दूर-दूर तक कोई फिल्मी दुनिया से न था. लेकिन बचपन से उनकी दादी ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया था. 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. लेकिन उसके बाद पढ़ाई में दिल नहीं लगा. जिसके बाद उन्होंने सोचा कि ऐसे नार्मल लाइफ उनसे नहीं जिया जाएगा. एक ही रूटीन पिता जी की तरह सुबह अस्पताल जाना फिर शाम को घर वापस आना, कभी इमरजेंसी में भी मरीज को देखने जाना. उनसे नहीं हो पाएगा. इसलिए उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और एक्टिंग की दुनिया में अपना पहला कदम आगे बढ़ाया.

इसे भी पढ़ें- आईपीएस का ट्वीट- 'बीवी नहीं खाने देती है जलेबी', फिर जानिए पत्नी का जवाब

इसके लिए सबसे पहले ये बात दादी से शेयर की. जिसके बाद दादी ने मम्मी पापा को मुझे मंबई भेजने के लिए मनाया. उन्होंने बताया कि बचपन में उनकी दादी उन्हें दूरदर्शन लेकर जाया करती थीं. जहां उनके अंदर एक्टिंग का कीड़ा जागा.

टैलेंट हो तो नहीं होंगी कास्टिंग काउच की शिकार

स्मिता सिंह के मुताबिक एक एक्ट्रेस होने के नाते मुझे अच्छे से मालूम है कि इंडस्ट्री में क्या होता है. लेकिन मैं लड़कियों से यही कहना चाहूंगी कि अगर आप अपने काम में परफेक्ट हैं और कोई कमी नहीं है. आपके भीतर हुनर है, तो आप कभी भी कास्टिंग काउच की शिकार नहीं होंगी. कास्टिंग काउच की शिकार वही एक्ट्रेस होती हैं, जिनके अंदर कोई न कोई कमी होती है.

इसे भी पढ़ें- कंगना रनौत की अगली फिल्म 'इमरजेंसी' पर सियासी घमासान, कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने

नोएडा में बन रही फिल्म सिटी पर उन्होंने कहा कि नोएडा में फिल्म सिटी बन जाने से यूपी के जो कलाकार हैं, उनको एक बेहतर मंच मिलेगा. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि यूपी के जो छोटे कलाकार हैं, वो मुंबई जैसे बड़े शहर में नहीं जा पाते. जबकि असली कलाकार वही हैं. यूपी के कलाकारों की हिन्दी बहुत अच्छी होती है. उन्होंने ये भी कहा कि मुझे लगता है फिल्म सिटी हर बड़े जिले में होना चाहिए.

लखनऊः मशहूर अदाकारा स्मिता सिंह ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर काबिलियत है तो कोई भी डायरेक्टर किसी भी अभिनेत्री के साथ कास्टिंग काउच नहीं कर सकता है. बशर्ते टैलेंट होना चाहिए. टेलीविजन अभिनेत्री स्मिता सिंह ने 'थपकी प्यार की', 'कहानी घर घर की' और 'वो रहने वाली महलों की' जैसे धारावाहिकों में काम की हैं.

13 धारावाहिकों में कर चुकी हैं काम

इसके अलावा उन्होंने 'माई फ्रेंड गणेशा' फिल्म में शानदार अभिनय किया है. अभिनेत्री बताती है कि बचपन से ही उन्हें एक्ट्रेस बनना था. इंडस्ट्री में उन्हें आए हुए 20 साल से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होने अब तक करीब 13 धारावाहिकों में काम किया है.

ईटीवी भारत पर अभिनेत्री स्मिता सिंह एक्सक्लूसिव

फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं है फैमिली

एक्ट्रेस स्मिता सिंह के मुताबिक पारिवारिक बैकग्राउंड से कोई भी इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ नहीं था. पिता डॉक्टर थे और दादा जी आईएएस अफसर थे. फैमिली का बैकग्राउंड फिल्मी दुनिया से जुड़ा नहीं था.

अभिनेत्री बताती है कि बचपन से ही दिमाग में एक्टिंग का कीड़ा था. पढ़ाई लिखाई में तेज थीं. लेकिन आगे पढ़ाई करने में दिल नहीं लग रहा था. इसलिए घर वालों से बातचीत करके मुंबई के लिए निकल गए. मुंबई में बुआ के घर रही. वहीं पर मुझे पहली बार 'क्योंकि सास भी बहू थी' धारावाहिक में 14 साल की बच्ची का रोल मिला था.

दादी ने हमेशा किया सपोर्ट

स्मिता बताती हैं कि परिवार में दूर-दूर तक कोई फिल्मी दुनिया से न था. लेकिन बचपन से उनकी दादी ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया था. 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. लेकिन उसके बाद पढ़ाई में दिल नहीं लगा. जिसके बाद उन्होंने सोचा कि ऐसे नार्मल लाइफ उनसे नहीं जिया जाएगा. एक ही रूटीन पिता जी की तरह सुबह अस्पताल जाना फिर शाम को घर वापस आना, कभी इमरजेंसी में भी मरीज को देखने जाना. उनसे नहीं हो पाएगा. इसलिए उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और एक्टिंग की दुनिया में अपना पहला कदम आगे बढ़ाया.

इसे भी पढ़ें- आईपीएस का ट्वीट- 'बीवी नहीं खाने देती है जलेबी', फिर जानिए पत्नी का जवाब

इसके लिए सबसे पहले ये बात दादी से शेयर की. जिसके बाद दादी ने मम्मी पापा को मुझे मंबई भेजने के लिए मनाया. उन्होंने बताया कि बचपन में उनकी दादी उन्हें दूरदर्शन लेकर जाया करती थीं. जहां उनके अंदर एक्टिंग का कीड़ा जागा.

टैलेंट हो तो नहीं होंगी कास्टिंग काउच की शिकार

स्मिता सिंह के मुताबिक एक एक्ट्रेस होने के नाते मुझे अच्छे से मालूम है कि इंडस्ट्री में क्या होता है. लेकिन मैं लड़कियों से यही कहना चाहूंगी कि अगर आप अपने काम में परफेक्ट हैं और कोई कमी नहीं है. आपके भीतर हुनर है, तो आप कभी भी कास्टिंग काउच की शिकार नहीं होंगी. कास्टिंग काउच की शिकार वही एक्ट्रेस होती हैं, जिनके अंदर कोई न कोई कमी होती है.

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नोएडा में बन रही फिल्म सिटी पर उन्होंने कहा कि नोएडा में फिल्म सिटी बन जाने से यूपी के जो कलाकार हैं, उनको एक बेहतर मंच मिलेगा. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि यूपी के जो छोटे कलाकार हैं, वो मुंबई जैसे बड़े शहर में नहीं जा पाते. जबकि असली कलाकार वही हैं. यूपी के कलाकारों की हिन्दी बहुत अच्छी होती है. उन्होंने ये भी कहा कि मुझे लगता है फिल्म सिटी हर बड़े जिले में होना चाहिए.

Last Updated : Jul 21, 2021, 8:03 PM IST
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