लखनऊः नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर हुए विरोध में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने बड़े पैमाने पर ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी. इस हिंसा में सम्मिलित लोगों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के आधार पर योगी सरकार ने पोस्टर लगवाए थे. इस मामले पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और सराकर को आरोपियों के पोस्टर हटाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर न्याय पालिका को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी. जिसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. नूतन ठाकुर का आरोप है कि लोगों ने हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान लेने पर सोची समझी रणनीति के आधार पर न्यायपालिका के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की है.
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान
नूतन ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पिछले दिनों लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से आरोपियों के फोटो और पोस्टर सार्वजनिक किए गए थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसका स्वतः संज्ञान लिया था. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर न्यायपालिका और न्यायाधीशों पर अमर्यादित व आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं.
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सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर होगी जांच
इन टिप्पणियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक साजिश का हिस्सा है. न्यायपालिका पर इस तरह की टिप्पणियों को देखकर उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की, जिसके बाद गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. नूतन ठाकुर ने बताया कि यह FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है. पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है. अब सोशल मीडिया पोस्ट की मदद से ऐसा करने वालों तक पहुंचा जा सकता है.