लखनऊः अब शहर की सार्वजनिक संपत्तियों पर पोस्टर लगाने पर नगर निगम ने कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया. नगर निगम ने इसके लिए जोनल अधिकारियों की टीम भी बना दी है. ये टीम शहर में अवैध रुप से लगाए गए प्रचार प्रसार सामग्री को हटाकर कार्रवाई करेगी.
राजधानी को स्वच्छ और खूबसूरत बनाने के लिए नगर निगम ने पूरी कमर कस ली है. अब शहर की दीवारों फ्लाईओवर की दीवारों, डिवाइडर, विद्युत पोलों पर पेंटिंग और पोस्टर चिपकाना महंगा पड़ेगा. इसके लिए नगर निगम ने पूरे शहर में प्रचार विभाग और जोनल अधिकारियों के स्तर पर टीमों का गठन कर शहर के समस्त क्षेत्रों में अभियान चलाकर सभी पोस्टरों को हटाये जाने का फैसला लिया है.
शहर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने निर्देश दिया है कि शहर की समस्त सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे अवैध पेंटिंग और चिपकाएं गये पोस्टरों को तत्काल हटाया जाये. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से प्रचार सामग्री लगाये जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के अंतर्गत विधिक कार्रवाई (FIR) दर्ज की जायेगी.
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इस अभियान में नगर निगम की तरफ से समस्त जोन एवं प्रचार विभाग द्वारा पूरे शहर में 756 पोस्टर, 170 सिंपैक, 17 बैनर, 309 बोर्ड/होर्डिंग इत्यादि कुल 1252 प्रचार प्रसार सामग्री हटायी गयी. जबकी पार्क रोड, सिविल अस्पताल, हजरतगंज व अन्य क्षेत्रों में बिना अनुमति के पोस्टर लगाये जाने एवं शहर की सौन्दर्य को विकृत करने पर पर प्रबंधक, अवध डेवलपर्स प्रालि. गोमती नगर पर नुकसान की भरपाई रु. 50,000 एवं अर्थदण्ड रु. 10,000 अधिरोपित किया गया.
नगर निगम के अधिकारियों का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा. किसी भी स्थान पर प्रचार प्रसार सामग्री पाये जाने उसके खिलाफ एफ.आई.आर.(FIR) दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. बाजारों में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ नगर निगम ने जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें नगर निगम के सुपरवाइजर नियमित रूप से शाम 4:00 से 6:00 के बीच ₹50 से लेकर ₹1000 तक का जुर्माना वसूलते हैं.
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