लखनऊः उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकृत ढाबों पर बसों को रोके जाने के लिए यूपीएसआरटीसी के प्रबन्ध निदेशक आरपी सिंह ने सभी क्षेत्रीय प्रबन्धक, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (डिपो) को निर्देश जारी किए हैं. एक यात्री की शिकायत पर क्षेत्रीय प्रबन्धक ने यह निर्देश दिया है. यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि नेशनल हाईवे के मार्गों पर बने अनाधिकृत ढाबों पर बसें न रुके. रोडवेज बसों को परिवहन निगम के अधिकृत ढाबे पर ही रोकें, नहीं रुकने पर सबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
प्रबंध निदेशक ने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से सघन चेकिंग कराएं. ऐसे चालक और परिचालक जो अनाधिकृृत ढाबों पर बस को खड़ा करते पाए जाएं तो उन पर पहली बार 2000 रुपये का अर्थदण्ड लगाया जाए. दोबारा ऐसा करने पर उनकी संविदा ही समाप्त कर दी जाए. नियमित रूप से जो चालक और परिचालक ऐसा करते पाए जांए तो उन्हें निलंबित कर नियमानुसार कार्रवाई करें. उन्होंने ढाबों पर यात्रियों के खान-पान, बैठने की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, यात्रियों के बैठने के स्थान पर सीलिंग फैन, महिला और पुरूष शौचालय, वॉशबेसिन एवं टॉवेल से सुसज्जित हों. साबुन की उपलब्धता व जनरेटर आदि की व्यवस्था हो. ढाबों में खान-पान की बेहतरीन गुणवत्ता के साथ रेट चार्ट एवं उच्च कोटि की सफाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए. ये सब व्यवस्था कराना ढाबा मालिकों को अनिवार्य होना चाहिए.
एमडी ने कहा है कि रोडवेज बसों का ठहराव अधिकृत यात्री ढाबे पर ही किया जाए. अगर बसों के अवैध ठहराव संबंधी प्रकरण प्राप्त होते हैं तो अनाधिकृत ठहराव जिस डिपो के क्षेत्राधिकार में होगा, उस डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक और सम्बन्धित क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाएगा.
यह भी पढ़ें- अयोध्या: 'हनुमानगढ़ी' में भी दर्शन करेंगे आदित्य ठाकरे, शिवसैनिकों से भरी राम नगरी
वहीं, परिवहन निगम के प्रवक्ता अनवर अंजार ने बताया कि यूपी परिवहन क्षेत्र के अधीन संचालित ढाबों का क्षेत्रीय प्रबन्धक महीने में एक बार और सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक पन्द्रह दिनों में निरीक्षण करेंगे. इसके अनुपालन की आख्या हर महीने निरीक्षणकर्ता द्वारा रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी. विभिन्न मार्गों पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अनुबंधित ढाबों का मुख्यालय क्षेत्र से सम्बद्ध सभी यातायात अधीक्षकों और निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण मानकों के आधार पर किया जायेगा. कमी पाए जाने पर रिपोर्ट सीधे प्रधान प्रबंधक को कार्रवाई के लिए प्रस्तुत की जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप