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कोरोना संक्रमित के शव नदियों में बहे तो अफसरों पर होगी कार्रवाई: अपर मुख्य सचिव पंचायती राज - लखनऊ खबर

राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है. इसमें चेतावनी देते हुए कहा गया है कि कोरोना संक्रमित शव नदियों में बहे तो अफसरों पर कार्रवाई होगी.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज
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Published : May 14, 2021, 8:57 PM IST

लखनऊ: पिछले कुछ दिनों में जिस प्रकार से कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के निधन के बाद उनके शव नदियों में प्रवाहित हुए हैं और सरकार की छीछालेदर हुई है. उसके बाद सरकार जागी है और स्थानीय स्तर पर ही अंतिम संस्कार कराने के सख्त आदेश दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक शव के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपए की व्यवस्था भी की गई है. ऐसी स्थिति में शव नदियों में बहाए जाने से तत्काल रोके जाएं.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जारी किया शासनादेश
राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है. जिसमें अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के शवों का गांव स्तर में ही अंतिम संस्कार कराया जाए. किसी भी स्थिति में शव नदियों में प्रवाहित नहीं होने चाहिए. अगर ऐसा होता है तो जिला पंचायत राज अधिकारी व जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार ने की है पांच हजार रुपए की सहायता देने की व्यवस्था
जारी शासनादेश में यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य वित्त आयोग से 5 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च वहन करने का भी आदेश पहले ही दिया जा चुका है. ऐसी स्थिति में शव नदियों में प्रवाहित होने से रोके जाएं.

इसे भी पढ़ें- हे भगवान! कोविड-19 से मरने वालों के गहने भी कर लिए चोरी

स्थानीय स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से कराया जाए अंतिम संस्कार
जारी आदेश में कहा गया है कि गांव स्तर पर स्थानीय स्तर पर स्थान चिन्हित करके ग्राम प्रधान पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया जाए. इसमें किसी भी प्रकार की हीलाहवाली या लापरवाही ठीक नहीं है. नदियों में प्रवाहित होने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए और स्थानीय स्तर पर ही अंत्येष्टि कराए जाने का काम कराया जाए. उसके लिए शासनादेश के अनुसार लकड़ी आदि या अन्य किसी भी प्रकार के खर्च के लिए 5000 रुपये की व्यवस्था करने के आदेश दिए जा चुके हैं.

धन की नहीं है कमी, नदियों में न हो प्रवाहित होने पाएं कोरोना संक्रमितों के शव
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ स जारी आदेश में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में शासन के यह संज्ञान में आया है कि धन की कमी बताते हुए शव नदियों में प्रवाहित किए गए हैं, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाए.

लखनऊ: पिछले कुछ दिनों में जिस प्रकार से कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के निधन के बाद उनके शव नदियों में प्रवाहित हुए हैं और सरकार की छीछालेदर हुई है. उसके बाद सरकार जागी है और स्थानीय स्तर पर ही अंतिम संस्कार कराने के सख्त आदेश दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक शव के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपए की व्यवस्था भी की गई है. ऐसी स्थिति में शव नदियों में बहाए जाने से तत्काल रोके जाएं.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जारी किया शासनादेश
राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है. जिसमें अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के शवों का गांव स्तर में ही अंतिम संस्कार कराया जाए. किसी भी स्थिति में शव नदियों में प्रवाहित नहीं होने चाहिए. अगर ऐसा होता है तो जिला पंचायत राज अधिकारी व जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार ने की है पांच हजार रुपए की सहायता देने की व्यवस्था
जारी शासनादेश में यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य वित्त आयोग से 5 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च वहन करने का भी आदेश पहले ही दिया जा चुका है. ऐसी स्थिति में शव नदियों में प्रवाहित होने से रोके जाएं.

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स्थानीय स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से कराया जाए अंतिम संस्कार
जारी आदेश में कहा गया है कि गांव स्तर पर स्थानीय स्तर पर स्थान चिन्हित करके ग्राम प्रधान पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया जाए. इसमें किसी भी प्रकार की हीलाहवाली या लापरवाही ठीक नहीं है. नदियों में प्रवाहित होने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए और स्थानीय स्तर पर ही अंत्येष्टि कराए जाने का काम कराया जाए. उसके लिए शासनादेश के अनुसार लकड़ी आदि या अन्य किसी भी प्रकार के खर्च के लिए 5000 रुपये की व्यवस्था करने के आदेश दिए जा चुके हैं.

धन की नहीं है कमी, नदियों में न हो प्रवाहित होने पाएं कोरोना संक्रमितों के शव
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ स जारी आदेश में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में शासन के यह संज्ञान में आया है कि धन की कमी बताते हुए शव नदियों में प्रवाहित किए गए हैं, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाए.

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