लखनऊ: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषदीय के विद्यालयों के भवन अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं मिलेंगे. विद्यालय बिल्डिंग भी अब क्षतिग्रस्त और जर्जर हालत में नहीं होगी. सोमवार तक ऐसे विद्यालयों के छात्र और शिक्षकों की सुरक्षा को सुनिश्चित कराते हुए खंड शिक्षा अधिकारी व बीएसए को वैकल्पिक विद्यालयों की व्यवस्था कराने के निर्देश जारी हुए हैं. साथ ही तत्काल विद्यालय की मरम्म्त के निर्देश जारी हुए हैं. ऐसा नहीं होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक(निर्माण), प्रभारी जिला समन्वयक (निर्माण) के उत्तरदायित्वों का निर्धारण करते हुए कठोर कार्रवाई (Action will be taken against BSA) की जाएगी.
अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी (Additional State Project Director Madhusudan Hulgi) ने इसे लेकर प्रदेश के सभी जनपदों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. निदेशक मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि जीर्ण-शीर्ण बिल्डिंगों को लेकर मुख्यमंत्री ने सरकारी भवनों की स्थिति का गहन स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह निर्देश मिला है कि कोई भी स्कूल जर्जर भवन में संचालित नहीं होगा. भवन जर्जर होने की अवस्था में वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कराकर पठन-पाठन का कार्य कराया जाएगा और शासन द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
इस क्रम में सभी बीएसए को निर्देश दे दिए गए हैं. राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से सभी बीएसए को चेकलिस्ट के आधार पर स्कूलों का निरीक्षण कराने के निर्देश मिले हैं. निर्देश के साथ बीएसए को बेसिक स्कूल स्ट्रक्चर ऑडिट गाइडलाइन फॉर सेफ्टी एंड यूजेबिलिटी की चेकलिस्ट जारी की गई है. इसके आधार पर ही बीएसए विद्यालय भवनों और निर्माण कार्यों की सुरक्षा का आंकलन करेंगे.
शिकायत के बाद लखनऊ के दोनों डीआईओएस के खिलाफ जांच शुरू: देवरिया के भाटपार रानी विधायक सभाकॅुवर कुशवाहा के शिकायतीपत्र पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने लखनऊ के दोनों डीआईओएस के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. महानिदेशक ने डीआईओएस राकेश कुमार और डीआईओएस द्वितीय रावेंद्र सिंह के खिलाफ दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है. समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट महानिदेशक को भेजेगी. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक शिकायतीपत्र में दोनों डीआईओएस के खिलाफ लखनऊ जनपद में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अनियमित नियुक्तियों/पदोन्नति एवं स्थानांतरण संबंधी गंभीर प्रशासनिक एवं वित्तीय आरोप लगाए गए हैं. (UP Education News)
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