लखनऊ: राजधानी में बीते दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ी है. इसके बाद राजधानी के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला किया गया था. नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी आते ही सक्रिय नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में दो निजी अस्पतालों पर गाज गिरी है. अस्पतालों में कोविड-19 की गलत रिपोर्ट देने और कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन न करने पर सीएमओ कार्यालय की तरफ से कार्रवाई की गई है.
राजधानी लखनऊ में कोरोना काल के बीच लखनऊ के सीएमओ का तबादला कर डॉक्टर आरपी सिंह को नियुक्त किया गया. इसके बाद सीएमओ लखनऊ ने कुर्सी पर बैठते ही कोरोना के इलाज और जांच में लापरवाही करने वालों पर लगाम लगानी शुरू कर दी है. इसी को देखते हुए सीएमओ ने चंदन अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के इलाज में गाइडलाइन पालन ना करने पर कार्रवाई की है. वहीं चरक में कोरोना की गलत रिपोर्ट देने पर कार्रवाई की है.
इस कार्रवाई के तहत चंदन अस्पताल में अगले आदेश तक कोरोना संक्रमितों के इलाज पर रोक लगा दी है. वहीं चरक अस्पताल में अगले आदेशों तक कोरोना की टेस्टिंग पर रोक लगा दी है. फैजाबाद रोड स्थित चंदन अस्पताल में कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी, लेकिन अनुमति के साथ-साथ संक्रमित मरीजों की भर्ती इलाज के समय सरकार द्वारा दिए गए गाइडलाइन के अनुपालन के भी निर्देश दिए गए थे. लेकिन चंदन अस्पताल में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी.
चरक अस्पताल में गलत रिपोर्ट देने के मामले की जांच चल रही थी. अस्पताल की तरफ कोरोना संदिग्धों को गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया था. इसके बाद इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी सिंह ने यह कार्रवाई की है. इस पूरे मामले पर चिकित्सा अधिकारी ने कहा चंदन अस्पताल में एक ही दरवाजे से सामान्य और कोरोना संक्रमितों के आने जाने की अव्यवस्था की शिकायत थी.चरक अस्पताल में गलत जांच रिपोर्ट निकल रही थी. दोनों ही अस्पतालों पर अग्रिम आदेश तक यह कार्रवाई की गई है.