प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र मिस्बाह कैसर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. न्यायालय ने कहा कि अर्नेश कुमार मामले में पारित आदेश का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी व न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने दिया. एएमयू में बीआर्क के छात्र मिस्बाह कैसर के खिलाफ विवि प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें आरोप है कि उसने विवि के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण दिया है. छात्रों को विवि के खिलाफ भड़काया है.
यह भी आरोप है कि उसने एक घातक हमला करने की नीयत से कुलपति के वाहन को रोकने और नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था. मामले में याची छात्र ने दर्ज एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याची के वकील अली बिन सैफ व सैयद कैफ हसन ने कहा कि कोई भी आपत्तिजनक भाषण नहीं दिया गया था. लगाए गए सारे आरोप मनगढ़ंत हैं. प्रॉक्टर और विश्व विद्यालय प्रशासन के आरोप भिन्न भिन्न हैं. कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
दारोगा भर्ती 2016 के रिक्त पदों को भरने का प्रत्यावेदन तय करने का निर्देश: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस सेकंड अफसर पद की 2016 की भर्ती में रिक्त रह गए पदों को क्षैतिज आरक्षण के नियम के अनुसार भरने व याचियों की नियुक्ति की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड को छह सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने याचियों से दो सप्ताह में नए सिरे से प्रत्यावेदन देने और भर्ती बोर्ड को उसके बाद छह सप्ताह में आदेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने जौनपुर के आनंद तिवारी व 102 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी को सुनकर दिया है. एडवोकेट सिद्दीकी का कहना था कि याची चयनित हुए थे और भर्ती में काफी संख्या में पद भरे नहीं गए है. वे पद रिक्त हैं, जिन्हें भरा जाना चाहिए.
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