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लखनऊ: सीवर लाइन बिछाने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई, एक लाख का जुर्माना

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम के ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य में लगातार ढिलाही देखने को मिलने रही है. इसी के देखते हुए पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने शहर में निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कई संस्थाओं पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है.

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Published : Nov 21, 2020, 10:19 AM IST

एक लाख का जुर्माना
एक लाख का जुर्माना

लखनऊ: तमाम निर्देशों के बाद भी विभिन्न स्थानों पर कराये जा रहे कार्यों में रोड कटिंग के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है. इससे धूल उड़ रही है और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. एफआईआर और जुर्माने के बाद भी जल निगम के ठेकेदारों पर कोई असर नहीं हो रहा है. जल निगम के लिए सीवर लाइन डालने का कार्य केके स्पन इंडिया लिमिटेड रही है. पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण को निरीक्षण के दौरान काम पूरा न मिलने पर उन्होंने संस्था पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

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कई जगहों पर कटी सीवर लाइन.

डिस्ट्रिक्ट-4, जोन-1, पार्ट-2 स्मार्ट सिटी सीवरेज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर सीवर लाइन डालने का कार्य हो रहा है. निरीक्षण में पाया गया कि नवल किशोर रोड और ब्रांच की सड़क को पूर्ण रूप से समतल करते हुए मोटरेबुल नहीं किया गया है. प्रेम नगर कॉलोनी, सप्रू मार्ग पर मात्र 50 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण है, एनसीसी कॉलोनी मार्ग भी क्षतिग्रस्त है, जहां जगह-जगह मलबे के ढेर एकत्र हैं.

प्रदूषण स्तर बढ़ने पर 30 हजार का जुर्माना

मार्गों के क्षतिग्रस्त होने एवं मलबे के ढेरों के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. पानी का छिड़काव भी नहीं कराया जा रहा है. पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति होने पर संस्था पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. गोलागंज वार्ड के नबीउल्लाह मार्ग पर काटी गई सड़क को लेवल नहीं किया गया है. इस मार्ग एवं जगत नारायण मार्ग पर प्रदूषण का स्तर भी काटी गई सड़क से उत्पन्न धूल के कारण अत्यधिक है. किसी भी मार्ग पर पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है. इसके लिए 10,000 रुपये क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया गया.

पेजयल लाइन टूटी, 50 हजार का जुर्माना

रिवर बैंक कॉलोनी के अंतर्गत जल निगम कार्यालय से जजेज कम्पाउण्ड चौराहे तक निरीक्षण किया गया. समतलीकरण निम्न श्रेणी का है. चौराहे का पुन: सुदृढ़ीकरण भी नहीं कराया गया है. इसके साथ ही बारूदखाना क्षेत्र के अन्तर्गत कार्य की गुणवत्ता का स्तर निम्न श्रेणी का है. कार्य के दौरान कई स्थानों पर जलापूर्ति की लाईन ध्वस्त हो गयी है, जिसके कारण कई हजार लीटर पीने योग्य पानी बर्बाद हुआ है. इसकी जानकारी डीएच कॉन्सट्रक्शन को दी गई. अस्थायी रूप से पेड़ की लकड़ी एवं पॉलिथीन लगाकर पानी के बहाव को कम किया गया. कार्य को नियोजित तरीके से नहीं कराया जा रहा है. स्वच्छ पेयजल की बबार्दी होने पर संस्था पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया.

लखनऊ: तमाम निर्देशों के बाद भी विभिन्न स्थानों पर कराये जा रहे कार्यों में रोड कटिंग के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है. इससे धूल उड़ रही है और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. एफआईआर और जुर्माने के बाद भी जल निगम के ठेकेदारों पर कोई असर नहीं हो रहा है. जल निगम के लिए सीवर लाइन डालने का कार्य केके स्पन इंडिया लिमिटेड रही है. पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण को निरीक्षण के दौरान काम पूरा न मिलने पर उन्होंने संस्था पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

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कई जगहों पर कटी सीवर लाइन.

डिस्ट्रिक्ट-4, जोन-1, पार्ट-2 स्मार्ट सिटी सीवरेज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर सीवर लाइन डालने का कार्य हो रहा है. निरीक्षण में पाया गया कि नवल किशोर रोड और ब्रांच की सड़क को पूर्ण रूप से समतल करते हुए मोटरेबुल नहीं किया गया है. प्रेम नगर कॉलोनी, सप्रू मार्ग पर मात्र 50 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण है, एनसीसी कॉलोनी मार्ग भी क्षतिग्रस्त है, जहां जगह-जगह मलबे के ढेर एकत्र हैं.

प्रदूषण स्तर बढ़ने पर 30 हजार का जुर्माना

मार्गों के क्षतिग्रस्त होने एवं मलबे के ढेरों के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. पानी का छिड़काव भी नहीं कराया जा रहा है. पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति होने पर संस्था पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. गोलागंज वार्ड के नबीउल्लाह मार्ग पर काटी गई सड़क को लेवल नहीं किया गया है. इस मार्ग एवं जगत नारायण मार्ग पर प्रदूषण का स्तर भी काटी गई सड़क से उत्पन्न धूल के कारण अत्यधिक है. किसी भी मार्ग पर पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है. इसके लिए 10,000 रुपये क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया गया.

पेजयल लाइन टूटी, 50 हजार का जुर्माना

रिवर बैंक कॉलोनी के अंतर्गत जल निगम कार्यालय से जजेज कम्पाउण्ड चौराहे तक निरीक्षण किया गया. समतलीकरण निम्न श्रेणी का है. चौराहे का पुन: सुदृढ़ीकरण भी नहीं कराया गया है. इसके साथ ही बारूदखाना क्षेत्र के अन्तर्गत कार्य की गुणवत्ता का स्तर निम्न श्रेणी का है. कार्य के दौरान कई स्थानों पर जलापूर्ति की लाईन ध्वस्त हो गयी है, जिसके कारण कई हजार लीटर पीने योग्य पानी बर्बाद हुआ है. इसकी जानकारी डीएच कॉन्सट्रक्शन को दी गई. अस्थायी रूप से पेड़ की लकड़ी एवं पॉलिथीन लगाकर पानी के बहाव को कम किया गया. कार्य को नियोजित तरीके से नहीं कराया जा रहा है. स्वच्छ पेयजल की बबार्दी होने पर संस्था पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया.

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