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दागी अफसरों पर CM योगी की टेढ़ी नजर, सूची हो रही तैयार - Yogi government in action mode

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दोबारा शपथ लेने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. लगातार दागी अफसरों पर कार्रवाई की जा रही है. अब ऐसे अफसरों की सूची तैयार की जा रही है जो भ्रष्टाचार के आरोपी हैं और सरकार विरोधी रवैया रखते हैं.

योगी सरकार.
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Published : Apr 5, 2022, 3:42 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर अब भ्रष्टाचार के आरोपी और सरकार विरोधी रवैया रखने वाले अफसर हैं. जिसमें अगला निशाना इटावा की डीएम श्रुति हो सकती हैं. क्योंकि भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया ने इटावा डीएम पर कोरोना काल में अनेक गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रदेश के एक बहुत महत्वपूर्ण जिले के डीएम पर आरोप है कि चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करके चुनावी चंदा दिया था. यह अधिकारी भी योगी सरकार के निशाने पर हैं.

उल्लेखनीय है कि इटावा की डीएम श्रुति सिंह मूलतः छत्तीसगढ़ काडर की IAS अफसर हैं और उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हैं. भाजपा सरकार बनने के बाद 23 मार्च 2018 को अंतर संवर्ग प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश आयीं थीं. इसके बाद उन्हें मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन की एमडी बनाया गया था. तब भी आरोपों की चर्चा के बावजूद इटावा का डीएम बनाया गया था. डीएम की इटावा रहते हुए प्रतिनियुक्ति कार्यकाल को व्यक्तिगत आधार पर 22 मार्च 2021 से आगे दो वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था. यानी कि प्रतिनियुक्ति कार्यकाल 22 मार्च तक शेष है. अब श्रुति सिंह पर सांसद राम शंकर कठेरिया ने ट्वीट कर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. देखना होगा इनकी अगली तैनाती में सांसद के सवालिया निशान का कुछ फर्क पड़ता है या किसी मंडल की कमान दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें-भ्रष्टाचार के आरोप में औरैया के डीएम सुनील वर्मा सस्पेंड, पीसी श्रीवास्तव को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के एक बहुत महत्वपूर्ण जिले के जिलाधिकारी ने चुनाव अभियान के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इस अधिकारी पर आरोप है कि चुनावी चंदे के तौर पर सपा सुप्रीमो को 7500000 रुपये भी भेंट किए थे. ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में यह चर्चा आम है. माना जा रहा है कि इसी आधार पर भविष्य में जिलाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर अब भ्रष्टाचार के आरोपी और सरकार विरोधी रवैया रखने वाले अफसर हैं. जिसमें अगला निशाना इटावा की डीएम श्रुति हो सकती हैं. क्योंकि भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया ने इटावा डीएम पर कोरोना काल में अनेक गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रदेश के एक बहुत महत्वपूर्ण जिले के डीएम पर आरोप है कि चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करके चुनावी चंदा दिया था. यह अधिकारी भी योगी सरकार के निशाने पर हैं.

उल्लेखनीय है कि इटावा की डीएम श्रुति सिंह मूलतः छत्तीसगढ़ काडर की IAS अफसर हैं और उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हैं. भाजपा सरकार बनने के बाद 23 मार्च 2018 को अंतर संवर्ग प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश आयीं थीं. इसके बाद उन्हें मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन की एमडी बनाया गया था. तब भी आरोपों की चर्चा के बावजूद इटावा का डीएम बनाया गया था. डीएम की इटावा रहते हुए प्रतिनियुक्ति कार्यकाल को व्यक्तिगत आधार पर 22 मार्च 2021 से आगे दो वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था. यानी कि प्रतिनियुक्ति कार्यकाल 22 मार्च तक शेष है. अब श्रुति सिंह पर सांसद राम शंकर कठेरिया ने ट्वीट कर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. देखना होगा इनकी अगली तैनाती में सांसद के सवालिया निशान का कुछ फर्क पड़ता है या किसी मंडल की कमान दी जाएगी.

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उत्तर प्रदेश के एक बहुत महत्वपूर्ण जिले के जिलाधिकारी ने चुनाव अभियान के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इस अधिकारी पर आरोप है कि चुनावी चंदे के तौर पर सपा सुप्रीमो को 7500000 रुपये भी भेंट किए थे. ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में यह चर्चा आम है. माना जा रहा है कि इसी आधार पर भविष्य में जिलाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

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