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अपर मुख्य सचिव गृह ने अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के दिए निर्देश

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मिशन शक्ति के तृतीय चरण अभियान की समीक्षा की. उन्होंने जिले के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के प्रयास में तेजी लाने के निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी
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Published : Oct 27, 2021, 10:44 PM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 21 अगस्त से चलाये जा रहे मिशन शक्ति के तृतीय चरण अभियान में महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. जिसकी समीक्षा बुधवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने की. अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों में अभियोजन कार्य में लगे अधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अभियान की समीक्षा की.


इस दौरान अपर मुख्य सचिव गृह अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भारत सरकार के ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर किये गये कार्यो की प्रगति सूचना नियमित रूप से अद्यतन करना सुनिश्चित करे. उन्होंने जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठक नियमित रूप से किये जाने अपराधों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयासों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिये. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला अथवा डीएनए रिपोर्ट सम्बन्धी मामलों की सूचना शासन को तत्काल प्रेषित करें, ताकि उस पर विशेष प्रयास कर शीघ्र कार्रवाई की जा सके. उन्होंने सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए अन्य जनपदों को भी विशेष प्रयास कर बेहतर परिणाम दिखाने के निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तृतीय चरण में 21 अगस्त से 26 अक्टूबर तक अभियोजन विभाग ने प्रभावी पैरवी के माध्यम से कुल 6 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है. इनमें से फिरोजाबाद व सोनभद्र में 2-2 तथा हाथरस, लखनऊ में एक-एक अभियुक्त को मृत्यु दण्ड की सजा हुई है. उन्होंने बताया कि इस अवधि में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चल रहे 124 मुकदमों में 232 अभियुक्तों को आजीवन कारावास प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है. आजीवन कारावास की सजा कराने वाले शीर्ष जनपदों में आगरा, अलीगढ़, बरेली व सीतापुर है.

इसे भी पढ़ें-यूपी ATS के हत्थे चढ़े रोहिंग्या रैकेट से जुड़े चार बांग्लादेश व म्यामांर के नागरिक


अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि 138 मुकदमों में 157 अभियुक्तों को 10 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक की सजा कराने में सफलता मिली है, जिनमें बदायू, अलीगढ़ व बरेली हैं. इसी प्रकार 331 मुकदमों में 418 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा भी दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है. जिनमें शीर्ष जनपद कानपुर नगर, अलीगढ़, बरेली, कानपुर देहात, जालौन तथा कासगंज है. इसके अलावा 1700 मुकदमों में 1815 अभियुक्तों की जमानतें खारिज कराई गई है. वर्चुअल मीटिंग में पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पाण्डेय, सचिव गृह बीडी पाल्सन, विशेष सचिव गृह अटल राय भी मौजूद रहे.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 21 अगस्त से चलाये जा रहे मिशन शक्ति के तृतीय चरण अभियान में महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. जिसकी समीक्षा बुधवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने की. अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों में अभियोजन कार्य में लगे अधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अभियान की समीक्षा की.


इस दौरान अपर मुख्य सचिव गृह अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भारत सरकार के ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर किये गये कार्यो की प्रगति सूचना नियमित रूप से अद्यतन करना सुनिश्चित करे. उन्होंने जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठक नियमित रूप से किये जाने अपराधों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयासों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिये. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला अथवा डीएनए रिपोर्ट सम्बन्धी मामलों की सूचना शासन को तत्काल प्रेषित करें, ताकि उस पर विशेष प्रयास कर शीघ्र कार्रवाई की जा सके. उन्होंने सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए अन्य जनपदों को भी विशेष प्रयास कर बेहतर परिणाम दिखाने के निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तृतीय चरण में 21 अगस्त से 26 अक्टूबर तक अभियोजन विभाग ने प्रभावी पैरवी के माध्यम से कुल 6 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है. इनमें से फिरोजाबाद व सोनभद्र में 2-2 तथा हाथरस, लखनऊ में एक-एक अभियुक्त को मृत्यु दण्ड की सजा हुई है. उन्होंने बताया कि इस अवधि में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चल रहे 124 मुकदमों में 232 अभियुक्तों को आजीवन कारावास प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है. आजीवन कारावास की सजा कराने वाले शीर्ष जनपदों में आगरा, अलीगढ़, बरेली व सीतापुर है.

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अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि 138 मुकदमों में 157 अभियुक्तों को 10 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक की सजा कराने में सफलता मिली है, जिनमें बदायू, अलीगढ़ व बरेली हैं. इसी प्रकार 331 मुकदमों में 418 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा भी दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है. जिनमें शीर्ष जनपद कानपुर नगर, अलीगढ़, बरेली, कानपुर देहात, जालौन तथा कासगंज है. इसके अलावा 1700 मुकदमों में 1815 अभियुक्तों की जमानतें खारिज कराई गई है. वर्चुअल मीटिंग में पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पाण्डेय, सचिव गृह बीडी पाल्सन, विशेष सचिव गृह अटल राय भी मौजूद रहे.

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