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भगवान राम की जन्मभूमि से बाबर का क्या लेना देना: आचार्य धर्मेंद्र देव

यूपी की राजधानी लखनऊ में सीबीआई की विशेष कोर्ट में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे है. इसी क्रम में आज आचार्य धर्मेंद्र देव का बयान दर्ज हुआ.

आचार्य धर्मेंद्र देव का बयान हुआ दर्ज.
आचार्य धर्मेंद्र देव का बयान हुआ दर्ज.
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Published : Jul 8, 2020, 6:54 PM IST

लखनऊ: बाबरी मस्जिद मामले में कई दिनों से लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. मंगलवार को महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय के बयान दर्ज किए गए. इसी मामले में बुधवार को राजस्थान से आए आचार्य धर्मेंद्र देव के भी बयान दर्ज किए गए. यह कार्यवाही सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक चली.

आचार्य धर्मेंद्र देव का बयान हुआ दर्ज.
ईटीवी भारत से बात करते हुए बाबरी मस्जिद मामले में आरोपी आचार्य धर्मेंद्र देव ने बताया कि केके मोहम्मद ने बहुत पहले कहा था कि विवादित ढांचे की नींव में किसी मस्जिद के साक्ष्य नहीं मिलते. यहां पर केवल मंदिर था. जो ध्वस्त हुआ था वह मस्जिद नहीं थी वह केवल ढांचा था. सांप्रदायिक उन्माद केवल मजहबी जुनून के कारण वजूद में आया था, अन्यथा भगवान राम की जन्मभूमि से बाबर का क्या लेना-देना. उन्होंने बाबर के बारे में बात करते हुए कहा कि उसका तो इतिहास ही लूट और अत्याचार और तोड़-फोड़ का है. उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी निर्माण हैं, वह केवल हिन्दुत्व और हिन्दुओं के पूर्वजों के हस्ताक्षर हैं.

बता दें कि विवादित ढांचा विध्वंस मामले में कुल 32 आरोपी थे, जिनमें से 23 आरोपियों की सुनवाई अब तक लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में हो चुकी है. अभी नौ आरोपी इस मामले में शेष बचे हैं, जिन का बयान दर्ज होना बाकी है.

लखनऊ: बाबरी मस्जिद मामले में कई दिनों से लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. मंगलवार को महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय के बयान दर्ज किए गए. इसी मामले में बुधवार को राजस्थान से आए आचार्य धर्मेंद्र देव के भी बयान दर्ज किए गए. यह कार्यवाही सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक चली.

आचार्य धर्मेंद्र देव का बयान हुआ दर्ज.
ईटीवी भारत से बात करते हुए बाबरी मस्जिद मामले में आरोपी आचार्य धर्मेंद्र देव ने बताया कि केके मोहम्मद ने बहुत पहले कहा था कि विवादित ढांचे की नींव में किसी मस्जिद के साक्ष्य नहीं मिलते. यहां पर केवल मंदिर था. जो ध्वस्त हुआ था वह मस्जिद नहीं थी वह केवल ढांचा था. सांप्रदायिक उन्माद केवल मजहबी जुनून के कारण वजूद में आया था, अन्यथा भगवान राम की जन्मभूमि से बाबर का क्या लेना-देना. उन्होंने बाबर के बारे में बात करते हुए कहा कि उसका तो इतिहास ही लूट और अत्याचार और तोड़-फोड़ का है. उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी निर्माण हैं, वह केवल हिन्दुत्व और हिन्दुओं के पूर्वजों के हस्ताक्षर हैं.

बता दें कि विवादित ढांचा विध्वंस मामले में कुल 32 आरोपी थे, जिनमें से 23 आरोपियों की सुनवाई अब तक लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में हो चुकी है. अभी नौ आरोपी इस मामले में शेष बचे हैं, जिन का बयान दर्ज होना बाकी है.

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