लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश कल्पना ने टीईटी परीक्षा की आंसर-की बेचने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त फौजदार वर्मा उर्फ विकास वर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है.
बता दें कि बीते 29 नवंबर को अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. एसटीएफ ने अभियुक्त को इंदिरा नगर के मुंशी पुलिया चौराहे के पास होंडा सिटी गाड़ी से जाते हुए गिरफ्तार किया था. इसके पास से बाल विकास एवं शिक्षण विधि का दो सेट हस्तलिखित प्रश्नोत्तर छह पृष्ठ में बरामद हुए थे. जिसमें 150 प्रश्न व सामने उत्तर भी अंकित था.
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अभियोजन की ओर से इसकी जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया गया. कहा गया कि अभियुक्त द्वारा फर्जी और जाली हस्तलिखित प्रश्नोत्तर का क्रय-विक्रय कर अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ का प्रयास किया गया है. यह परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा की उत्तर कुंजी 10-10 हजार रुपए में देने का प्रलोभन दे रहा था. इस मामले की एफआईआर निरीक्षक अतुल चर्तुवेदी ने थाना गाजीपुर में धोखाधड़ी और कूटरचना आदि के अलावा परीक्षा अधिनियम की धारा 3/4 के तहत दर्ज कराई थी.
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