लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने 10 हजार की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी तत्कालीन एसआई विजय कुमार द्विवेदी को तीन साल की सजा सुनाई है. मामला औरैया जनपद में एक आपराधिक मुकदमे को खत्म करने के एवज में पैसे मांगने का था. कोर्ट ने अभियुक्त पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
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औरैया कोतवाली में दर्ज हुई थी एफआईआर
सरकारी वकील डीसी यादव के मुताबिक अभियुक्त के खिलाफ अमर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी. अमर की पत्नी मीना देवी के खिलाफ अदालत के आदेश पर धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मुकदमे की विवेचना थाना सायल के तत्कालीन एसआई विजय कुमार द्विवेदी कर रहा था. उसने इस मुकदमे को खत्म करने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. 12 मई, 2010 को अमर सिंह की शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने एसआई को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की एफआईआर औरैया कोतवाली में दर्ज हुई थी. विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
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पारिवारिक न्यायालय में लोक अदालत आज
वहीं, राजधानी के फैमिली कोर्ट से आ रही एक अन्य खबर के मुताबिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में सात मार्च को लोक अदालत का आयोजन किया गया है. इसके अतिरिक्त आठ मार्च को महिला सशक्तीकरण के संदर्भ में विधि संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय की नवीन परिसर में विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सपना त्रिपाठी के मुताबिक एक मार्च से आठ मार्च तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जा रहा है. इसी के तहत यह शिविर प्राधिकरण तथा विधिक सहायता केंद्र द्वारा आयोजित किया गया है.