लखनऊ: हाथरस में दलित युवती की कथिर गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में सीबीआई से जांच की संस्तुति की गई है. वहीं SIT भी इस पूरे मामले की जांच कर रही है. दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था को भंग करने को लेकर की गई साजिश का भी खुलासा हुआ है, जिसको लेकर पुलिस, इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट(ईडी) जैसी संस्थाएं जांच कर रही हैं.
बीते दिनों पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मथुरा से चार संदिग्धों अतीकुर्रहमान, आलम, मसूद और सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपी उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लिए काम करते हैं. जानकारी मिली है कि एक आरोपी पीएफआई के लिए प्रचार करने का काम करता था. पड़ताल में इस बात की भी जानकारी मिली है कि शाहीन बाग में बने कार्यालय का आरोपी सचिव रहा है. विदेशी फंडिंग के मामले में भी आरोपी संदिग्ध है. आरोपी के बैंक अकाउंट में भारी ट्रांजेक्शन के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसको लेकर जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.
एसएचओ थाना मांट बीएस चावला ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि चारों सदस्य प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के लिए काम करते थे. हम विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रहे हैं. अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी हाथरस जा रहे थे और वहां पर जाकर इनका इरादा शांति व्यवस्था को भंग करना था.
ये भी पढ़ें: हाथरस प्रकरण में गिरफ्तार कथित पत्रकारों पर एक और FIR दर्ज
बीएस चावला ने बताया कि बुधवार को इस बात का खुलासा हुआ था कि उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था को भंग करने व सांप्रदायिक दंगा फैलाने के लिए विदेश से करोड़ों रुपये की फंडिंग की गई है. ऐसे में इस ओर भी जांच हो रही है कि विदेश से जो फंडिंग की गई है, वह किसके खाते में ट्रांसफर की गई है. उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में कई खुलासे हुए हैं. वहीं इस बात के भी संकेत मिले हैं कि भीम आर्मी व पश्चिमी यूपी के एक खनन माफिया से जुड़े हुए लोगों के खातों में भी अवैध धनराशि ट्रांसफर की गई है.