ETV Bharat / state

Hathras Gang Rape Murder Case : केरल से गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल, जानिये पूरा मामला

यूपी के हाथरस में युवती से गैंगरेप के बाद हत्या (Hathras Gang Rape Murder Case) के मामले को लेकर दंगा फैलाने की साजिश में यूपी एसटीएफ ने केरल के मल्लापुरम जिले के मेलाटूर से कमाल केपी को गिरफ्तार किया था.

ो
author img

By

Published : Mar 6, 2023, 10:20 PM IST

लखनऊ : एनआई/एटीएस के विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने हाथरस कांड के बहाने जातिगत तनाव व दंगा भड़काने के प्रयास में गिरफ्तार केरल के कमाल उर्फ केपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश कर एसटीएफ ने इसका न्यायिक रिमांड हासिल किया.

सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक, सात अक्टूबर, 2020 को इस मामले की एफआईआर उपनिरीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने मथुरा के थाना मांट में दर्ज कराई थी. इस मामले में हाथरस जाते समय मुल्जिम अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीक कप्पन व मसूद को गिरफ्तार किया गया था. विवेचना के दौरान मुल्जिम कमाल का भी नाम प्रकाश में आया. इस मामले में ईडी ने भी मनी लाड्र्रिंग की शिकायत दर्ज कर जांच की थी.

ये था मामला : बता दें हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को हथियार बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के केस में यूपी एसटीएफ ने केरल से एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया था. हाल ही में जमानत पर छूटे सिद्दीक कप्पन ने गिरफ्तार किए गए कमाल केपी को दंगा भड़काने के लिए कोड वर्ड में मैसेज भेज कर मीटिंग बुलाने के लिए कहा था. पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि पांच अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा के पास से सिद्दीक कप्पन को हाथरस में जातीय हिंसा फैला कर दंगा भड़काने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान सिद्दीक कप्पन के मोबाइल डेटा से एक वाइस नोट रिकवर किया गया था, जो प्रतिबंधित संगठन PFI के शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल कमाल केपी को भेजा गया था. इस वाइस नोट में कोड वर्ड यूज किया गया था, जिसे डिकोड करने पर सामने आया था कि कोड वर्ड का प्रयोग करके सीक्रेट मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें दंगा भड़काने का षड्यंत्र रचा गया था. दरअसल, 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी पुलिस ने कहा था कि सिद्दीक कप्पन का पीएफआई से कनेक्शन है और चारों आरोपी हाथरस में हिंसा फैलाने की प्लानिंग में जा रहे थे. इसके बाद 23 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत दी थी और हाल ही में वो लखनऊ जेल से छूटे थे. फिलहाल कोर्ट ने उन्हें अगले छह महीने तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं.

चोरी के मामले में भाईयों को सात वर्ष की सजा

लखनऊ : एडीजे पुष्कर उपाध्याय ने चोरी के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त मुजाहिद हुसैन व जाहिद हुसैन को सात वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने इन दोनों भाईयों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी ठोंका है. सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू के मुताबिक 26 नवंबर, 2016 को पुलिस ने इन्हें चोरी का माल आपस में बांटते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इनके पास से चोरी का गहना व नगदी आदि बरामद हुआ था. इस मामले की एफआईआर एसआई सुमित कुमार श्रीवास्तव ने थाना बाजारखाला में दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें : Spoofing Case : कानपुर ही नहीं लखनऊ के दारोगा को भी DGP बताकर जालसाज ने की थी कॉल

लखनऊ : एनआई/एटीएस के विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने हाथरस कांड के बहाने जातिगत तनाव व दंगा भड़काने के प्रयास में गिरफ्तार केरल के कमाल उर्फ केपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश कर एसटीएफ ने इसका न्यायिक रिमांड हासिल किया.

सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक, सात अक्टूबर, 2020 को इस मामले की एफआईआर उपनिरीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने मथुरा के थाना मांट में दर्ज कराई थी. इस मामले में हाथरस जाते समय मुल्जिम अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीक कप्पन व मसूद को गिरफ्तार किया गया था. विवेचना के दौरान मुल्जिम कमाल का भी नाम प्रकाश में आया. इस मामले में ईडी ने भी मनी लाड्र्रिंग की शिकायत दर्ज कर जांच की थी.

ये था मामला : बता दें हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को हथियार बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के केस में यूपी एसटीएफ ने केरल से एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया था. हाल ही में जमानत पर छूटे सिद्दीक कप्पन ने गिरफ्तार किए गए कमाल केपी को दंगा भड़काने के लिए कोड वर्ड में मैसेज भेज कर मीटिंग बुलाने के लिए कहा था. पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि पांच अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा के पास से सिद्दीक कप्पन को हाथरस में जातीय हिंसा फैला कर दंगा भड़काने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान सिद्दीक कप्पन के मोबाइल डेटा से एक वाइस नोट रिकवर किया गया था, जो प्रतिबंधित संगठन PFI के शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल कमाल केपी को भेजा गया था. इस वाइस नोट में कोड वर्ड यूज किया गया था, जिसे डिकोड करने पर सामने आया था कि कोड वर्ड का प्रयोग करके सीक्रेट मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें दंगा भड़काने का षड्यंत्र रचा गया था. दरअसल, 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी पुलिस ने कहा था कि सिद्दीक कप्पन का पीएफआई से कनेक्शन है और चारों आरोपी हाथरस में हिंसा फैलाने की प्लानिंग में जा रहे थे. इसके बाद 23 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत दी थी और हाल ही में वो लखनऊ जेल से छूटे थे. फिलहाल कोर्ट ने उन्हें अगले छह महीने तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं.

चोरी के मामले में भाईयों को सात वर्ष की सजा

लखनऊ : एडीजे पुष्कर उपाध्याय ने चोरी के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त मुजाहिद हुसैन व जाहिद हुसैन को सात वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने इन दोनों भाईयों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी ठोंका है. सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू के मुताबिक 26 नवंबर, 2016 को पुलिस ने इन्हें चोरी का माल आपस में बांटते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इनके पास से चोरी का गहना व नगदी आदि बरामद हुआ था. इस मामले की एफआईआर एसआई सुमित कुमार श्रीवास्तव ने थाना बाजारखाला में दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें : Spoofing Case : कानपुर ही नहीं लखनऊ के दारोगा को भी DGP बताकर जालसाज ने की थी कॉल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.