लखनऊ : नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे खराब है. कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति की बात की गई है. दरअसल, अभी ज्यादा समय नहीं बीता है, जब कोविड की विभीषिका ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोल दी थी. चूंकि, अब विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है, ऐसे में हर रोज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य को लेकर राज्य की जनता से कोरे वादे कर रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में यूपी का स्थान सबसे नीचे आने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा- नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उससे बड़े-बड़े वादे कर रही योगी सरकार की पोल खुल गई है. जनता अभी कोरोना का वह दौर भूली नहीं है, जब इसी प्रदेश में लोग ऑक्सीजन, बेड, दवाइयों के अभाव में दम तोड़ रहे थे. गंगा में मृतकों की लाशें तैर रही थीं, अनगिनत लोगों का परिवार उजड़ गया. इसके बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के जिम्मेदार मंत्रियों का यह कहना कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. यह जनता के साथ धोखा और पीड़ितों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कहना कि पहले गरीबों, विधवाओं के लिए कोई योजना नहीं हुआ करती थी, यह सरासर झूठ है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का झूठ बोलना और जनता को धोखा देना शोभा नहीं देता. राज्य की जनता सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, दवाइयों और ढांचागत सुविधाओं की कमी झेल रही है. मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए.
दरअसल, नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के मुताबिक, समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से टॉप पर और दूसरे नंबर तमिलनाडु है. वहीं, उत्तर प्रदेश में स्थिति बिहार व मध्यप्रदेश से भी सबसे ज्यादा खराब है.
कांग्रेस ने सरकार पर खड़े किए सवाल
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा कि बहुचर्चित 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले के तहत अभ्यर्थियों को तमाम धरना-प्रदर्शन के साथ ही लाठियां खानी पड़ी. सरकार की अनुभवहीनता और अपारदर्शिता अभ्यर्थियों को झेलनी पड़ी. अब बेसिक शिक्षा मंत्री की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 6000 अभ्यर्थियों की भर्ती राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर जो विसंगति के कारण अधूरी रह गई, कराने की बात कही गई है.
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उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति आरक्षण के आधार पर 14490 सीट पर चयन होना चाहिए था, अनारक्षित वर्ग का अन्तिम कटऑफ 67.11 मेरिट पर हुआ. इसमें अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी 4742 को सामान्य वर्ग में ओवरलैपिंग होनी थी. सरकार ने 1606 का सामान्य में ओवर लैंपिग कराई. 3136 अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी ओवर लैप से वंचित रह गए. 3136 अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी जो वंचित रह गये हैं उनके साथ न्याय कब होगा ? जबकि अनुसूचित जनजाति की 1133 अभ्यर्थियों की सीटें खाली रह गईं थीं, जिसे अनुसूचित जाति में तब्दील किया गया. लेकिन उसका लाभ दिव्यांग अभ्यर्थियों को दिया गया. ऐसे हालात में अनुसूचित जाति के साथ अन्याय क्यों और कब तक ?
बहराइच में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बीजेपी सरकार पर हमला
कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बहराइच पहुंचे कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश की जनता को तबाह कर दिया. हिन्दू मुस्लिम सभी को बर्बादी के कगार पर ला दिया. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर हमला बोलते हुए कहा- मंत्री का बेटा किसानों को जबरन कुचलकर मार डालता है और उसकी सरकार आज तक मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती, इससे बड़ी अराजकता का सुबूत क्या हो सकता है.
वहीं, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के दिये गए बयान पर हमला बोलते हुए कहा- एक सांसद के द्वारा जिस तरह सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना की गयी है, वो निंदनीय है. ऐसे बेअन्दाज बोलने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. राम मंदिर मुद्दे को लेकर जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि देखिए ये सुप्रीम कोर्ट का मामला था, जो फैसला आया उसका हमने सम्मान किया और मुसलमान भाइयों ने भी उसको मान लिया है. वहीं, सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उत्तर प्रदेश के अंदर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने की बात कही.
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